Hemant Khandelwal Team: भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है।
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने तीन महीने 21 दिन के भीतर अपनी टीम का गठन कर संगठन में नई ऊर्जा और संतुलन लाने की कोशिश की है।
केंद्रीय कार्यालय से जारी सूची के अनुसार, नई कार्यकारिणी में 9 उपाध्यक्ष, 4 महामंत्री, 9 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष और एक कार्यालय मंत्री शामिल हैं।
वहीं, मीडिया प्रभारी का दायित्व एक बार फिर से आशीष अग्रवाल को सौंपा गया है।
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हेमंत खंडेलवाल के टीम की झलक
नई कार्यकारिणी में संगठन, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी गई है।
चार महामंत्री के रूप में लता वानखेड़े, सुमेर सोलंकी, राहुल कोठारी और गौरव रणदिवे को जिम्मेदारी दी गई है।
वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर रणबीर रावत, कांतदेव सिंह, प्रभुराम चौधरी, शैलेंद्र बरुआ, मनीषा सिंह, नंदिता पाठक, सुरेंद्र शर्मा, निशांत खरे और प्रभुलाल जाटव को नियुक्त किया गया है।
मंत्री पद पर रजनीश अग्रवाल, लोकेंद्र पाराशर, जयदीप पटेल, क्षितिज भट्ट, संगीता सोनी, राजेंद्र सिंह, अर्चना सिंह, राजो मालवीय और बबीता परमार को शामिल किया गया है।
इसके अलावा अखिलेश जैन को कोषाध्यक्ष, श्याम महाजन को कार्यालय मंत्री और आशीष उषा अग्रवाल को मीडिया प्रभारी बनाया गया है।
रणबीर रावत को प्रमोशन, नए चेहरे शामिल
पार्टी की पिछली कार्यकारिणी में प्रदेश महामंत्री रहे पूर्व विधायक रणबीर सिंह रावत अब उपाध्यक्ष बनाए गए हैं।
मनीषा सिंह का भी प्रमोशन हुआ है — वे पहले प्रदेश मंत्री थीं, अब उपाध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगी।
शैलेंद्र बरुआ, जो पहले संभागीय संगठन मंत्री रहे हैं, उन्हें भी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है।
मुख्यमंत्री के करीबी प्रभुलाल जाटव और ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से आने वाले पूर्व मंत्री प्रभुराम चौधरी को भी उपाध्यक्ष पद मिला है।
इसके अलावा, कांतदेव सिंह को एक बार फिर उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।
जबकि मध्य प्रदेश युवा कल्याण आयोग के पूर्व अध्यक्ष निशांत खरे भी नई टीम में उपाध्यक्ष बने हैं।
महिलाओं को दिया गया प्रतिनिधित्व
नई कार्यकारिणी में महिलाओं की भूमिका पर भी खास ध्यान दिया गया है।
7 महिलाओं को पदाधिकारी बनाकर भाजपा ने यह संकेत दिया है कि संगठन में महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है।
इनमें लता वानखेड़े, मनीषा सिंह, नंदिता पाठक, संगीता सोनी, अर्चना सिंह, राजो मालवीय और बबीता परमार प्रमुख हैं।
पिछली कार्यकारिणी की तुलना में बदलाव
बीजेपी की पिछली प्रदेश कार्यकारिणी में 14 उपाध्यक्ष, 14 मंत्री और 5 महामंत्री थे।
नई टीम में इनकी संख्या घटाकर 9 उपाध्यक्ष, 9 मंत्री और 4 महामंत्री कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कुछ पद जानबूझकर खाली रखे हैं।
ताकि भविष्य में संगठनात्मक संतुलन और नए चेहरों को मौका देने की गुंजाइश बनी रहे।
नई टीम में 13 पुराने पदाधिकारियों को दोबारा शामिल किया गया है, जबकि 16 नए चेहरों को पहली बार अवसर मिला है।
इस तरह पार्टी ने अनुभव और युवाओं के जोश दोनों को एक साथ जोड़ा है।
3 माह में टीम गठित, पहले से तेज रफ्तार
दिलचस्प यह है कि हेमंत खंडेलवाल ने मात्र 3 माह 21 दिन में अपनी कार्यकारिणी का गठन कर लिया, जबकि इससे पहले के प्रदेशाध्यक्षों को इसमें कहीं ज्यादा समय लगा था।
- विष्णुदत्त शर्मा को कार्यकारिणी बनाने में 10 माह 28 दिन लगे थे।
- स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान ने 7 माह 5 दिन में टीम बनाई थी।
- वहीं, स्वर्गीय प्रभात झा को 4 माह 6 दिन का समय लगा था।
- राकेश सिंह ने तो अपने कार्यकाल में पूर्व कार्यकारिणी के साथ ही काम किया था।
यह तेज़ी दिखाती है कि खंडेलवाल अपने कार्यकाल में संगठन को जल्द सक्रिय मोड में लाना चाहते हैं, खासकर 2028 विधानसभा चुनाव की रणनीति को ध्यान में रखते हुए।
प्रदेशाध्यक्ष की प्राथमिकता: संतुलन और संगठन
हेमंत खंडेलवाल की कार्यकारिणी में यह स्पष्ट झलकता है कि पार्टी नेतृत्व ने संगठन में संतुलन साधने पर जोर दिया है।
दलित, पिछड़ा वर्ग, आदिवासी, महिला और युवा—सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है।
संगठन सूत्रों के मुताबिक, आने वाले महीनों में मोर्चों, प्रकोष्ठों और जिलों की कार्यकारिणी में भी फेरबदल किए जा सकते हैं।
नई टीम के गठन के बाद अब प्रदेश भाजपा संगठनात्मक बैठकों और सदस्यता अभियान को गति देने की तैयारी में है।
राज्य में कांग्रेस से मुकाबले की दिशा तय करने के साथ-साथ, पार्टी लोकसभा 2029 और विधानसभा 2028 के मिशन की तैयारी शुरू कर रही है।
टीम हेमंत को अब प्रदेशभर में संगठन को मजबूत करने, बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाने और नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने की चुनौती का सामना करना होगा।
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