Hockey Olympian Vivek Sagar: भारतीय हॉकी के उभरते सितारे और ओलंपियन विवेक सागर को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से किए गए वित्तीय पुरस्कार के वादे का अब तक इंतजार है। ओलिंपिक में कांस्य पदक और कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतने के बाद सरकार ने उन्हें 1.25 करोड़ रुपये देने का वादा किया था।
हालांकि, अब तक उन्हें केवल 50 लाख रुपये ही मिले हैं, जबकि अभी भी 75 लाख रुपये लंबित हैं। इस देरी से विवेक सागर के साथ-साथ पूरे खेल जगत में नाराजगी का माहौल है। खिलाड़ी और कोच सरकार से समय पर पुरस्कार देने की पारदर्शी व्यवस्था बनाने की मांग कर रहे हैं।
विवेक सागर को अभी भी राशि मिलने का इंतजार
विवेक सागर को टोक्यो ओलिंपिक 2021 में कांस्य पदक जीतने के बाद खेल विभाग ने 1 करोड़ रुपये दिए थे। साल 2024 में पेरिस ओलिंपिक में भी विवेक ने टीम इंडिया के लिए सफलता दोहराई। इसके बाद राज्य सरकार ने फिर से उन्हें 1 करोड़ रुपये देने का वादा किया।
इसी तरह कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतने पर भी एमपी के प्रशासन ने विवेक को 25 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने ओलिंपिक में जीतने पर सिर्फ 50 लाख रुपये ही दिए हैं और विवेक पिछले एक साल से 75 लाख की राशि का इंतजार कर रहे हैं।
खेल निदेशक राकेश गुप्ता का कहना है कहा कि उन्होंने अभी-अभी अपना कार्यभार संभाला है, इसलिए इस मामले की पूरी जानकारी लेंगे। उनकी इस प्रतिक्रिया से खिलाड़ियों की निराशा और बढ़ गई है, क्योंकि यह मामला काफी समय से लंबित है और अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
बता दें 2021 में टोक्यो ओलंपिक की सफलता के बाद विवेक सागर को मध्य प्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर नियुक्त किया गया था।
खिलाड़ियों पर आर्थिक और मानसिक दबाव
विवेक सागर भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। खेल जगत और उनके प्रशंसक सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द पूरा इनाम दिया जाए। हालांकि, खेल विभाग द्वारा पुरस्कार राशि देने में देरी कोई नई बात नहीं है। कई खिलाड़ियों ने अतीत में भी शिकायत की है कि सरकारी घोषणाएं तो होती हैं, लेकिन पैसा मिलने में महीनों या सालों की देरी हो जाती है।
एक वरिष्ठ हॉकी कोच ने बताया कि खिलाड़ियों के लिए इनामी राशि समय पर मिलना बहुत जरूरी है। खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार सिर्फ सम्मान का विषय नहीं होता, बल्कि यह उनकी ट्रेनिंग, स्वास्थ्य, और करियर को आगे बढ़ाने में मदद करता है। कई खिलाड़ी अपनी ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स गियर, डाइट और अन्य खर्चों के लिए इन पुरस्कार राशियों पर निर्भर होते हैं।
एक खिलाड़ी ने बताया कि अगर हमें यह पैसा समय पर मिल जाए, तो हम अपनी ट्रेनिंग और भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं। लेकिन जब हमें यह नहीं मिलता, तो मानसिक तनाव भी बढ़ता है और इससे खेल पर असर पड़ता है।
खेल विभाग की इनाम प्रक्रिया पर उठे सवाल
खेल जगत से जुड़े जानकारों का मानना है कि सरकार या प्रशासन द्वारा दी जाने वाली राशि न केवल खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि वे आने वाले टूर्नामेंट की तैयारी भी अच्छे से कर सकते हैं। कई खिलाड़ी अपनी ट्रेनिंग और दूसरे खर्चों के लिए इन इनामों पर निर्भर रहते हैं।
सरकार को इस प्रक्रिया के लिए एक निश्चित समय-सीमा तय करनी चाहिए ताकि खिलाड़ियों को बार-बार संघर्ष न करना पड़े। खेल विभाग को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और पेमेंट करने के लिए नियम बनाने चाहिए और हर काम के लिए समय तय करना चाहिए। खिलाड़ियों को समय पर सम्मान देना जरूरी है, ताकि उनका हौसला बना रहे।
इसके अलावा सीनियर खेल प्रशासकों ने इनाम के पेमेंट के लिए डिजिटल सिस्टम बनाने और इसके लिए एक अलग सेल बनाने का सुझाव दिया है।
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