PM Modi Visit RSS Headquarters

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एक बार फिर साथ दिखेंगे मोहन-मोदी, प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार जाएंगे RSS मुख्यालय

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PM Modi Visit RSS Headquarters: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च 2025 को नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय का दौरा करेंगे। यह पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी संघ मुख्यालय में कदम रखेंगे।

इस दौरान वह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे और संगठन के शताब्दी वर्ष पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। उनके इस दौरे को राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।

आरएसएस शताब्दी वर्ष और पंच परिवर्तन योजना

RSS 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। इस अवसर पर संगठन ने ‘पंच परिवर्तन’ नामक विशेष योजना की शुरुआत की है, जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता, तथा नागरिक कर्तव्यों को प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान इस योजना की भी चर्चा होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री मोदी नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से एक विशेष मुलाकात भी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान देश के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी। संघ और सरकार के बीच बेहतर तालमेल को लेकर भी बातचीत हो सकती है। हालांकि, इस मुलाकात को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी का नागपुर दौरे से सरकार और संघ के बीच संबंधों को भी नया आयाम मिलेगा। संघ हमेशा से (भाजपा) के वैचारिक आधार को मजबूती देने का काम करता रहा है। ऐसे में पीएम मोदी के दौरे को आगामी चुनावों के लिए भाजपा और संघ के रिश्तों को और मजबूत करने के रूप में भी देखा जा रहा है।

केशव नेत्र चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरे में नागपुर में बनने वाले देश के पहले ‘नेत्र चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र’ की आधारशिला रखेंगे। यह अस्पताल RSS के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के नाम पर स्थापित किया जाएगा। इस अस्पताल में अत्याधुनिक नेत्र चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस प्रकल्प का उद्देश्य समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करना है।

वहीं प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे के दौरान रेशिमबाग भी जाएंगे, जहां वे आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। संघ में वर्ष प्रतिपदा (हिंदू नववर्ष) का विशेष महत्व है और इसी अवसर पर प्रधानमंत्री का यह दौरा रखा गया है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर संघ के विचारों और योगदान की सराहना की है।

पहली बार संघ मुख्यालय का दौरा करने वाले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ मुख्यालय जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। संघ और नरेंद्र मोदी की नजदीकियों के बावजूद यह बहुत कम देखने को मिला है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने संघ के किसी आधिकारिक कार्यक्रम में शिरकत की हो। इससे पहले उन्होंने राम मंदिर के भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा किया था। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राजनीतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

साल 2024 के आम चुनावों के बाद यह संघ और सरकार के बीच पहला बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर एक विशेष संबोधन भी दे सकते हैं, जिसमें वे संघ के योगदान, पंच परिवर्तन योजना और देश की सामाजिक संरचना पर विचार रख सकते हैं।

नए अध्यक्ष को लेकर BJP और RSS में चल रही खींचतान

इस बीच नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच चल रही खींचतान की कई खबरे आई हैं। RSS की सलाह और बीजेपी के फैसलों के बीच मतभेद की अटकलें लगाई गई। दरअसल, जेपी नड्डा के कार्यकाल को बार-बार एक्सटेंशन देने के साथ नए अध्यक्ष का चुनाव भी टलता जा रहा है। RSS की पहली प्राथमिकता है कि अध्यक्ष पद पर कोई ऐसा चेहरा आए, जिसका बैकग्राउंड संगठन से जुड़ा हो।

वहीं BJP नड्डा जैसा कोई दूसरा चहरा चाहती है, जो पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में काम कर सके। इसी विचारधारा को लेकर BJP और RSS के बीच टकराव की स्थिति बनती दिखी।

संघ का मानना है कि BJP भले ही सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी हो, लेकिन उसका मूल संगठनात्मक आधार RSS ही है। 21 से 23 मार्च को RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होने वाली है। इस अहम सालाना बैठक में BJP के नए अध्यक्ष के चयन का मुद्दा प्रमुख रहेगा। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बैठक से पहले BJP अपने नए अध्यक्ष का ऐलान कर दें, हालांकि ऐसे हालात बनते दिख नहीं रहे हैं।

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