Narendra Shivaji Patel: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल इन दिनों एक नए विवाद को लेकर चर्चा में है।
आरोप है कि ग्वालियर के एक रेस्टोरेंट में टेबल नहीं मिलने पर बौखलाए मंत्री ने संचालक से मारपीट की, यहां तक फूड सेफ्टी अफसर तक को बुला लिया।
इस घटना का CCTV फुटेज वायरल होने के बाद कांग्रेस ने तंज कसा कि भाजपा के मंत्री सत्ता के नशे में चूर है।
टेबल न मिलने पर भड़के मंत्री ने की मारपीट
दरअसल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के रिसेप्शन में शामिल होने ग्वालियर आए थे।
कार्यक्रम के बाद रात को करीब 10 बजे मंत्री पटेल अपने परिवार के साथ भोजन करने सिटी सेंटर क्षेत्र के क्वालिटी रेस्टोरेंट पहुंचे।
रविवार का दिन होने के कारण रेस्टोरेंट में भारी भीड़ थी और सभी टेबल पहले से बुक थीं।
मंत्रीजी फॉर्मल ड्रेस में थे, जिससे स्टाफ उन्हें पहचान नहीं सका और इंतजार करने को कहा, बस इसी बात पर मंत्रीजी का पारा चढ़ गया।
आरोप है कि रेस्टोरेंट में टेबल नहीं मिलने से नाराज मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने होटल संचालक से मारपीट की।

फूड सेफ्टी टीम को बुलाया, आधी रात तक सैंपलिंग
मंत्री यहां तक नहीं रूके, उन्होंने रात को ही फूड सेफ्टी अफसरों को बुलवाया और खाद्य सामग्री की सैंपलिंग करवा दी।
मंत्री ने पहले रेस्टोरेंट की साफ-सफाई पर सवाल उठाते हुए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम को बुलाया।
थोड़ी ही देर में अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मंत्री के निर्देश पर रेस्टोरेंट के किचन में घुसकर तेल, पनीर और मावा के कुल 5 सैंपल लिए गए। यह कार्रवाई रात 11:15 बजे तक चलती रही।
मंत्री के साथ भाजपा जिला अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी और स्थानीय पुलिस अफसर भी पहुंच गए। इस दबाव में रेस्टोरेंट संचालक को मंत्री के सामने माफी मांगनी पड़ी।
रेस्टोरेंट संचालक ने लगाए मंत्री पर बदसलूकी के आरोप
रेस्टोरेंट संचालक कमल अरोरा ने मंत्री और उनके सुरक्षाकर्मियों पर दबाव और बदसलूकी का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि उन्हें पहले फूड सेफ्टी ऑफिसर लोकेंद्र सिंह और फिर दूसरे अफसर बुंदेला ने कॉल कर टेबल बुकिंग के लिए कहा था।
जब मंत्री पहुंचे तो स्टाफ ने यह पूछ लिया कि आप किसके निर्देश पर आए हैं — लोकेंद्र या बुंदेला?
इसी पर मंत्री भड़क गए, इसके बाद पीएसओ और समर्थकों ने रेस्टोरेंट के स्टाफ के साथ धक्कामुक्की की।
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ है, जिसमें मंत्री के पीएसओ को रेस्टोरेंट स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा सकता है।
यही नहीं, बाद में वही स्टाफ सदस्य मंत्री के सामने हाथ जोड़ते नजर आए।

मंत्री ने सभी आरोपों को किया सिरे से खारिज
इस पूरे विवाद पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा, “मैं जहां भी जाता हूं, वहां अपने विभाग से जुड़े प्रतिष्ठानों की औचक जांच करता हूं। रेस्टोरेंट में भी मैंने रूटीन चेकिंग की थी।
वहां का एक तेल का सैंपल मौके पर ही फेल हो गया। स्टाफ ने बदतमीजी की और दबाव बनाने की कोशिश की।”
उन्होंने यह भी कहा कि एक दिन पहले उन्होंने भिंड से ग्वालियर आ रही एक एंबुलेंस को यात्रियों को ढोते हुए पकड़ा और उसे थाने भिजवाया।
मंत्री का कहना है कि जनहित में की गई सख्त कार्रवाई को लेकर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

संचालक ने बदला बयान, विरोध में व्यापारी संगठन
हैरानी की बात यह है कि रेस्टोरेंट संचालक कमल अरोरा ने अपना बयान बदल दिया और किसी भी विवाद से अपना पल्ला झाड़ लिया।
उन्होंने मंत्री से बंद कमरे में बातचीत के बाद कहा कि यह सब गलतफहमी के कारण हुआ और फूड सेफ्टी टीम रूटीन जांच के लिए आई थी।
वहीं, इस घटना के बाद ग्वालियर चेंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य व्यापारी संगठनों ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
चेंबर के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि यह तानाशाही और गुंडागर्दी है।
वे इस पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से करेंगे और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
विपक्ष का सवाल, क्या यही है जनसेवा?
विपक्ष भी इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घटना का वीडियो शेयर कर लिखा कि क्या यही है जनसेवा ?
प्रदेश का किसान खाद के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहता है, पर सरकार को फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन जब एक मंत्रीजी को होटल में टेबल नहीं मिली, तो पूरा प्रशासन दौड़ पड़ा, होटल संचालक से मारपीट कि गयी फूड सेफ्टी अफसर तक बुला लिए गए — क्या यही है 'जन सेवा'?@BJP4MP के मंत्री सत्ता के नशे… pic.twitter.com/YuLETEZGLD
— Umang Singhar (@UmangSinghar) May 5, 2025
उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा के मंत्री सत्ता के नशे में चूर हैं और जनता की समस्याओं से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
You may also like
-
उत्तराखंड की धामी सरकार का बड़ा फैसला, मदरसों के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’
-
इंदौर के राजवाड़ा से MP कैबिनेट के ऐतिहासिक फैसले, सड़क हादसों में मददगार को मिलेगा 25 हजार का इनाम
-
मजहबी चश्मे वाला कानून .. अलीखान गिरफ्तार, विजय शाह को गटर भाषा की आज़ादी
-
NEET PG विवाद पर SC में सुनवाई, एक ही शिफ्ट में परीक्षा और प्रश्नपत्र-आंसर की जारी करने की मांग
-
इंदौर के राजवाड़ा में ऐतिहासिक MP कैबिनेट की बैठक, सभी की नजरें मंत्री शाह के आने पर टिकीं