मसूद अजहर की फिर वापसी, बोला बाबरी वापिस लेंगे

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पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का एक नया भाषण सामने आया है, जिसमें उसने भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ विवादित और आक्रामक बयान दिए हैं। यह भाषण पाकिस्तान के बहावलपुर शहर स्थित उम्म-उल-कुरा मदरसे और मस्जिद परिसर में अपने समर्थकों के बीच दिया गया। जैश-ए-मोहम्मद ने इसे 3 दिसंबर को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जारी किया।

मसूद अजहर का आक्रामक बयान
अपने भाषण में मसूद अजहर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘कमजोर’ करार देते हुए कहा, “मुझे शर्म आती है कि मोदी जैसे कमजोर शख्स हमें चुनौती देता है।” इसके अलावा, उसने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को भी निशाने पर लिया और अपमानजनक शब्दों में उसकी आलोचना की। अजहर ने बाबरी मस्जिद का भी उल्लेख किया और इसे वापस पाने के लिए जिहादी संघर्ष की आवश्यकता जताई।
अपने भाषण में अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद के कैडर्स से भारत और इजराइल के खिलाफ एक नया जिहादी अभियान शुरू करने की अपील की। उसने अपने समर्थकों से ‘इस्लाम का राज’ कायम करने का आह्वान किया और भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारी की बात की।

भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान हमेशा कहता आया है कि मसूद अजहर उसके देश में नहीं है। ऐसे में उसका यह भाषण पाकिस्तान के दोगलेपन को उजागर करता है।” उन्होंने मसूद अजहर को 2019 के पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा कि उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है और भारत की मांग है कि पाकिस्तान उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

मसूद अजहर का आतंकवादी इतिहास
मसूद अजहर के खिलाफ कई आतंकी हमलों का आरोप है, जिनमें भारत में संसद हमला, पठानकोट हमला, पुलवामा हमला, उरी हमला और मजार-ए-शरीफ में भारतीय कांसुलर पर हमला शामिल हैं। 1999 में भारत के एक विमान हाईजैक मामले में भी मसूद अजहर को रिहा किया गया था। इसके बाद, वह पाकिस्तान भाग गया और वहां जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख बन गया।

क्या कहता है पाकिस्तान?
हालांकि, पाकिस्तान ने हमेशा दावा किया है कि मसूद अजहर उसके देश में नहीं है, लेकिन उसकी गतिविधियां और अजहर का यह हालिया भाषण पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीतियों पर सवाल खड़ा करता है। 2019 में पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने अजहर के ठिकानों पर कार्रवाई की है, लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद का प्रभाव अब भी कायम है।

आतंकी के खिलाफ वैश्विक कदम
मसूद अजहर को 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था, लेकिन इससे पहले चीन ने कई बार उसे बचाने की कोशिश की थी। हालांकि, अंततः चीन ने अपनी रोक हटा ली और मसूद को आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया।

निष्कर्ष
मसूद अजहर का यह नया भाषण न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। भारत की ओर से लगातार कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मसूद अजहर के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता और भी स्पष्ट हो गई है।

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