कीर्ति आजाद के बाद अशोक तंवर भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल
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कीर्ति आजाद के बाद अशोक तंवर भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल

नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व नेता पवन वर्मा के बाद पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, उनकी पत्नी पूनम आजाद और हरियाण कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर भी मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए।

बता दें कि टीएमसी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे पर हैं। इस बीच ये नेता पार्टी में शामिल हुए हैं। वह 25 नवंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में रहेंगी। टीएमसी लगातार कांग्रेस को झटका दे रही है। हाल ही में कई नेता ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल हुए हैं।

बता दें कि पूर्व भारतीय विदेश सेवा अधिकारी पवन वर्मा ममता बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। वह जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके हैं। पवन वर्मा को साल 2020 में जेडीयू से निष्कासित कर दिया गया था। वह जुलाई 2016 तक सांसद थे।

टीएमसी में शामिल होने के बाद पवन वर्मा ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और ममता बनर्जी की क्षमता को देखते हुए, मैं आज तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुआ हूं।

वहीं पार्टी ने ट्वीट करके कहा कि पवन वर्मा का हमारे तृणमूल कांग्रेस परिवार में स्वागत करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। उनका समृद्ध राजनीतिक अनुभव हमें भारत के लोगों की सेवा करने और इस देश को और भी बेहतर दिनों तक ले जाने में मदद करेगा!

भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे आजाद : टीएमसी में शामिल होने के बाद कीर्ति आजाद ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में मैं राष्ट्र के विकास के लिए काम करूंगा।

आज देश को उनके जैसे व्यक्तित्व की जरूरत है जो देश को सही दिशा दे सके। 1983 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य आजाद को दिसंबर 2015 में भाजपा से निलंबित कर दिया गया था।

वह 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। आजाद बिहार के दरभंगा से तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2014 का आम चुनाव भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

अशोक तंवर भी टीएमसी में शामिल : बता दें कि पवन वर्मा और कीर्ति आजाद के अलावा ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में अक्टूबर 2019 में कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले अशोक तंवर भी शामिल हो गए हैं। वह राहुल गांधी के करीबी के माने जाते थे।

वह 2009-2014 के दौरान सिरसा से सांसद थे और पार्टी की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने अक्टूबर 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़ दी थी। इस साल फरवरी में उन्होंने अपना भारत मोर्चा नाम से पार्टी बनाई थी।

बता दें कि ममता बनर्जी कांग्रेस को लगातार झटके पर झटका दे रही हैं। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के कई नेता हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं।

 

अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी पर साधा निशाना : कांग्रेस के विभिन्न नेताओं के टीएमसी पार्टी में शामिल होने पर सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह अवसरवादी राजनीति का उदाहरण है।

इन लोगों को लगा कि उन्हें यहां फायदा नहीं होगा। टीएमसी पश्चिम बंगाल को लूटकर बहुत सारा पैसा लाई है और दिल्ली में राजनीतिक व्यापार कर रही है।

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