J-K Cabinet Meeting in Pahalgam: जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की बैठक पहलगाम में की जा रही है।
यह ऐतिहासिक और साहसिक कदम जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लिया है।
सोमवार को सभी कैबिनेट मंत्री पहलगाम क्लब एंड कन्वेंशन सेंटर पहुंचे, जहां बैठक आयोजित की गई।
उमर सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है, जब श्रीनगर या जम्मू से बाहर कैबिनेट मीटिंग की जा रही है।
आतंकवाद के खिलाफ संदेश देना है मकसद
जम्मू-कश्मीर सरकार का यह निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत प्रतीकात्मक संदेश भी है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद घाटी में भय का माहौल था और पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
सरकार ने इस संकट की घड़ी में स्थानीय जनता के साथ एकजुटता दिखाने और पर्यटन को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से पहलगाम में बैठक करने का निर्णय लिया।
अधिकारियों के अनुसार, इस बैठक का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह साफ है कि इसका उद्देश्य जनता में विश्वास बहाल करना और आतंकियों को यह संदेश देना है कि लोकतांत्रिक शासन डरा नहीं है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले कार्यकाल (2009–2014) में भी कई बार दूरदराज के इलाकों जैसे गुरेज, माछिल, तंगधार, राजौरी और पुंछ में कैबिनेट बैठकें कर यह दर्शाया था कि सरकार मैदान में जाकर काम करने में विश्वास रखती है।
पहलगाम हमले के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित
हमले के बाद 28 अप्रैल को बुलाई गई विशेष विधानसभा बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
जिसमें हमले को ‘कश्मीरियत’ और देश की एकता पर हमला बताया गया था।
मुख्यमंत्री ने 26 मिनट का भावुक भाषण देते हुए स्वीकार किया कि हमले के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित न कर पाने की नैतिक जिम्मेदारी उनकी थी।
उन्होंने कहा, सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी नहीं थी, लेकिन मेजबान होने के नाते मुझे उन्हें सुरक्षित भेजना चाहिए था, नहीं भेज पाया।
24 मई को उमर ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि कश्मीर में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और संसदीय समितियों की बैठकें आयोजित की जाएं, ताकि पर्यटन को फिर से पटरी पर लाया जा सके।
पहलगाम हमले के जवाब में केंद्र सरकार ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
सरकार की यह सक्रियता और पहलगाम में कैबिनेट बैठक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, जनता के प्रति संवेदनशीलता और घाटी में शांति व पर्यटन बहाली की मजबूत इच्छा शक्ति का प्रतीक है।
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