इंदौर.किंग्स इलेवन पंजाब और आरसीबी के बीच हुए मुकाबले में पैवेलियन के पास न मिलने से नाराज हुए मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय शाह ने अपनी ताकत दिखाते हुए स्टेडियम के एक गेट पर लोहे की शीट ठुकवाकर उषाराजे स्टेडियम का गेट बंद कर दिया। भोपाल के अधिकारियों ने इंदौर आकर मंत्री के आदेश को अंजाम तक पहुंचाया। बंद गेट ने एमपीसीए के पदाधिकारियों से लेकर इंदौर के शासकीय और राजनीतिक हल्फों में हलचल मचा दी। मंगलवार देर शाम तक गेट बंद रहा। कब तक बंद रहेगा? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। बस, यहां-वहां फोन जरूर घनघनाये जाते रहे।
सोमवार को शिक्षा मंत्री शाह मैच देखने होलकर स्टेडियम पहुंचे। उन्हें साधारण गैलरी टिकट थमा दिए गए। मन मारकर उन्होंने गैलरी में बैठकर ही कुछ देर मैच देखा भी लेकिन अफसरों को वीआईपी ट्रिटमेंट मिलते देख वे तिलमिला उठे। ठीक यही पीड़ा महापौर ने उनसे बातचीत के दौरान बयां की। इसके बाद ही शाह ने आयोजकों को सबक सीखाने की ठान ली। मंगलवार को उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को हड़काते हुए पूछा कि मैच के दौरान विवेकांनद स्कूल परिसर का इस्तेमाल किसकी इजाजत से किया जा रहा है। अधिकारी इसका जवाब नहीं दे सके। अंतत: शाह ने विवेकानंद परिसर में खुलने वाले संध्या अग्रवाल गेट के सामने टीन ठोकने के आदेश जारी कर दिए। शाम को अधिकारी स्कूल पहुंचे और टीन ठुकवा दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी सी.के.शर्मा ने गेट लगाए जाने की पुष्टी की। उन्होंने मंत्री की नाराजगी का मामला नकारते हुए कहा कि हमने स्कूल की जमीन पर टिन लगाए हैं। इससे स्कूल प्रभावित होते हैं। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि मंत्री की नाराजगी के बाद ही स्कूल का प्रभावित होना क्यों याद आया? इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। आवाज नहीं आ रही है, कहते हुए उन्होंने फोन काट दिया।
मंत्री का मन दुखा तो बंद हुआ मैदान, वरना बच्चे होते रहे परेशान
उषा राजे स्टेडियम विवेकानंद स्कूल से लगा है। स्टेडियम में जब भी आईपीएल या अंतरराष्ट्रीय मुकाबले होते हैं वीआईपी इंट्री व पार्किंग स्कूल मैदान पर ही होती है। आईपीएल मैच 4, 6, 12 और 14 मई को थे। अभी गर्मी की छुट्टी है। वरना तो बीसीसीआई मैच आयोजन करती है और प्रशासन तैयारियों के नाम पर दो-तीन स्कूल की छुट्टी कर देते हैं। फिर 8 नवंबर 2016 को भारत-न्यूजीलैंड के बीच हुआ टैस्ट मैच हो। सितंबर 2017 में भारत-ऑस्टे्लिया का वनडे हो या 22 दिसंबर 2017 को हुआ भारत-श्रीलंका का टी-20 मैच। इन मुकाबलों में स्टूडेंट्स अपने ही स्कूलों में पराये हो गए।
स्कूल के प्रिंसिपल मुकेश मकवानी ने बताया कि ऐसे तो दिक्कत नहीं आती लेकिन सुरक्षा इंतजामों के कारण पुलिस हमारी गाडियां बाहर खड़ी करवा देती है। हमारे पास आईडी है, परेशानी कम है लेकिन बच्चों और उनके बेग तक तलाशे जाते हैं। आईपीएल मुकाबलों के लिए पहली बार पुलिस प्रशासन ने भी स्कूल के चार कमरे लिए थे।
25 हजार दो, पर्मिशन लो
पि्ंसिपल मकवानी ने बताया कि शासनादेश से शहर के स्कूल नगर निगम और गांव के पंचायतों को सौंप दिए गए हैं। इसीलिए हम अपने स्तर पर अनुमति नहीं दे सकते। अनुमति शीर्ष अधिकारी देते हैं। अनुमित देते वक्त 25 हजार रुपए स्कूल मद के जमा कराए जाते हैं जो भी इस बार अब तक जमा नहीं हुए हैं। तीन-तीन पत्र लिख चुके हैं।
आयोजन प्रतिबंधित है
किसी भी शासकीय स्कूल के परिसर में शैक्षणिक आयोजन को छोड़ किसी अन्य आयोजन फिर वह सरकारी हो या निजी आयोजन की अनुमति नहीं है। मैरिज गार्डन महंगे होने के कारण मांगलिक आयोजनों के लिए स्कूल मैदान के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था। आदेश के अनुसार प्रशासन फीस लेकर भी आयोजन की अनुमति नहीं दे सकती।
Top Banner प्रदेश