Bengal Violence: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मोथाबाड़ी क्षेत्र में 27 मार्च को सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।
पुलिस ने अब तक 34 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है, जबकि बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को इलाके में तैनात किया गया है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन द्वारा कई कड़े कदम उठाए गए हैं।
उपद्रवियों ने दुकानें-गाड़ियां तोड़ीं, सामान भी लूटा
खबरों के मुताबिक सांप्रदायिक तनाव की शुरुआत 26 मार्च को एक धार्मिक जुलूस के मस्जिद के सामने से गुजरने के दौरान हुई। जुलूस के दौरान धार्मिक नारेबाजी की गई, जिससे स्थानीय समुदायों के बीच असंतोष उत्पन्न हो गया। इसके अगले दिन 27 मार्च को एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया, जो बाद में हिंसक झड़प में बदल गया।
हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने दुकानों, घरों और वाहनों पर हमला किया, तोड़फोड़ की और आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
इंटरनेट सेवा बंद, हिंसा के आरोप में 34 गिरफ्तार
हिंसा के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोका जा सके। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इनमें से कुछ को पुलिस हिरासत में रखा गया है, जबकि अन्य को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जिला प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए विभिन्न समुदायों के नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठकें की हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मांगी एक्शन रिपोर्ट
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को 3 अप्रैल तक हिंसा पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह सतर्कता से काम करे और हिंसा प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हिंसा के दौरान हिंदू मंदिरों को बनाया निशाना
भाजपा ने आरोप लगाया है कि हिंसा के दौरान हिंदू मंदिरों और घरों को निशाना बनाया गया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती की मांग की है। भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और राज्य में बार-बार सांप्रदायिक हिंसा हो रही है।
वहीं, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक और राज्य की मंत्री सबीना यास्मीन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और सरकार हरसंभव कदम उठा रही है ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो। उन्होंने नागरिकों से शांति बनाए रखने और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
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