MP Boycott China-Bangladesh: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक अभूतपूर्व व्यापारिक आंदोलन देखने को मिला है।
जहां स्थानीय रेडीमेड गारमेंट व्यापारियों ने चीन और बांग्लादेश से आने वाले कपड़ों और संबंधित उत्पादों का पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन द्वारा सामूहिक रूप से लिया गया है, जिसमें शहर के करीब 600 व्यापारी शामिल हैं।
इस बहिष्कार का उद्देश्य विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करना और भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
हनुमान मंदिर में ली गई शपथ
इस अभियान की शुरुआत एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में सुभाष चौक स्थित हनुमान मंदिर से हुई।
जहां व्यापारियों ने भगवान हनुमान को साक्षी मानते हुए यह संकल्प लिया कि वे अब चीन और बांग्लादेश से आयातित कपड़े और अन्य मटेरियल नहीं बेचेंगे।
इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन, राजेश जैन, पवन पंवार, दीपक पंवार, मिलन जैन, चेतन डेमला, मोहन पोरवाल, रूपेश गुप्ता और कई अन्य व्यापारी मौजूद रहे।
क्या है निर्णय का मुख्य बिंदु?
एसोसिएशन ने तय किया है कि अब से इंदौर में कोई भी व्यापारी चीन और बांग्लादेश के कपड़े नहीं बेचेगा।
यदि कोई व्यापारी इन देशों के उत्पादों का व्यापार करता हुआ पाया गया, तो उस पर 1,11,111 रुपये का आर्थिक दंड लगाया जाएगा।
यह दंड की राशि भारतीय सेना सहायता कोष में जमा कराई जाएगी।
इस निर्णय को सभी दुकानों पर पोस्टर लगाकर प्रचारित किया गया है, जिसमें लिखा है – “हम चीन और बांग्लादेश के कपड़े नहीं बेचेंगे।”
डिस्ट्रीब्यूटर्स को भेजा गया नोटिस
इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन ने सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अन्य शहरों और राज्यों में मौजूद चीन और बांग्लादेश के कपड़ों के डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी पत्र भेजकर सूचित किया है कि इंदौर के व्यापारी अब उनके उत्पादों को नहीं खरीदेंगे।
एसोसिएशन ने सभी से आग्रह किया है कि वे इस मुहिम से जुड़कर स्वदेशी कपड़ों के व्यापार को बढ़ावा दें और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें।
चीन-बांग्लादेश का मटेरियल होगा नष्ट
व्यापारियों ने यह भी निर्णय लिया है कि उनकी दुकानों में पहले से मौजूद चीन और बांग्लादेश के कपड़े, एसेसरीज और अन्य मटेरियल को नष्ट कर दिया जाएगा।
इस मटेरियल को इकट्ठा कर नगर निगम को सौंपा जाएगा, ताकि उसका उचित निपटान किया जा सके।
इंदौर: मध्य भारत का कपड़ा हब
इंदौर न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे मध्य भारत में कपड़ा व्यापार का बड़ा केंद्र है।
यहां से प्रदेश के अन्य हिस्सों और कई राज्यों में कपड़ों की आपूर्ति होती है।
ऐसे में यह फैसला सिर्फ स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी असर डाल सकता है।
इस निर्णय से चीन और बांग्लादेश से होने वाले आयात में कमी आएगी और भारतीय निर्माताओं और स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा।
You may also like
-
मिल गया सोनम की लव स्टोरी का ‘हीरो’,राजा के मर्डर के लिए बनाए थे प्लान A, B और C
-
अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सरकार मना रही ‘संविधान हत्या दिवस’- खड़गे
-
‘मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा, जय हिंद, जय भारत’, अंतरिक्ष से देश के लिए शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश
-
ऑपरेशन सिंधु बंद: ईरान-इजराइल सीजफायर के बाद भारत का बड़ा फैसला, अब तक 3394 भारतीयों की सकुशल वापसी
-
राजा हत्याकांड- सोनम के लैपटॉप की शिलॉन्ग पुलिस को तलाश, तांत्रिक क्रिया का शक गहराया