पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के पाकिस्तान पर 5 बड़े एक्शन
#politicswala report
Five big actions after the Pahalgam Attack-पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत ने सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु समझौता स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही अटारी बॉर्डर बंद कर दिया गया है। Attari Border Closed
पहलगाम आतंकी हमले के बाद (Pahalgam Terror Attack) भारत ने बड़ा राजनयिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान पर कई सख्त फैसले लिए हैं। भारत ने सिंधु जल समझौते स्थगित कर दिया है. पाकिस्तानी नागरिकों से कहा गया है कि 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ दें, इसके साथ ही अटारी बॉर्डर बंद करने का ऐलान किया गया है। अब पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा रियायत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही सेना को भी हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) में 5 बड़े फैसले लिए गए। बैठक ढाई घंटे चली। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्त्री ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया-पाकिस्तान के सभी लोगों का वीजा रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान के नागरिकों को आगे वीजा नहीं मिलेगा। पाकिस्तान के राजनायिकों को भारत छोड़ने को कहा गया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने ये 5 फैसले लिए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के पाकिस्तान पर 5 बड़े एक्शन
1. 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
2. एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
3. पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
4. नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
5. भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।
तहव्वुर राणा जैसे लोगों की तलाश में लगा रहेगा भारतः विदेश सचिव
प्रेस कॉफ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “CCS ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। संकल्प लिया गया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है। ”
क्या है सिंधु जल समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच बहने वाली सिंधु और उसकी सहायक नदियों के जल बंटवारे के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को एक समझौता हुआ था। इसे ही सिंधु जल समझौता कहा जाता है। यह समझौता विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था और इसका उद्देश्य सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल का दोनों देशों के बीच बंटवारा करना था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 9 साल की लंबी बातचीत के बाद 1960 में दोनों पक्षों ने सिंधु जल संधि पर दस्तखत किए थे। 19 सितंबर 1960 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सिंधु नदी प्रणाली में कुल छह नदियाँ शामिल हैं। इनमें सिंधु,सतलज झेलम, चिनाब, रावी और ब्यास शामिल हैं। इस समझौते के तहत भारत सिंधु नदी प्रणाली के पानी का केवल 20% ही इस्तेमाल कर सकता है। बाकी 80% पानी पाकिस्तान को देता है। सिंधु पाकिस्तान की लाइफलाइन कही जाती है।
क्या होगा इसका प्रभाव
इस समझौते के रोकने से भारत सिंधु नदी का जल प्रवाह पाकिस्तान जाने से रोक देगा। जिससे पाकिस्तान बूंद-बूंद को तरस सकता है। पाकिस्तान के पंजाब सूबे को इससे सबसे ज्यादा लाभ मिलता रहा है। सिंधु नदी अरब सागर तक पाकिस्तान के कई राज्यों से होकर बहती है। इस समझौते के रुकने से सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान की खेतीबारी पर पड़ेगा। वहां के खेत सूखे पड़ जाएंगे और फसल उत्पादन ठप हो जाएगा। करीब 21 करोड़ से ज्यादा की पाकिस्तानी आबादी की जल जरूरतें भी इसी सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है। यानी इसके रुकने से पीने के पानी का भी संकट हो जाएगा।
भूख और प्यास से तड़पेंगे पाकिस्तानी
करीब 17 लाख एकड़ जमीन, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है, पानी की कमी से वीरान हो जा सकती है। इससे पाकिस्तान में भयंकर भुखमरी की नौबत आ सकती है। पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहा है और अन्न संकट की वजह से भुखमरी की मार झेल रहा है। अब भारत के ऐक्शन से उसकी कमर टूट सकती है। यानी मोदी सरकार के इस ऐक्शन से पाकिस्तान की बड़ी आबादी भूख और प्यास दोनों से तड़प सकती है।
You may also like
-
बौखलाया पाकिस्तान- बुलाई अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक
-
पहलगाम आतंकी हमला: सुरक्षा चूक पर उठे सवाल, धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों को जवाब
-
किसी की हफ्तेभर पहले हुई थी शादी… कोई मनाने गया था एनिवर्सरी… पहलगाम आतंकी हमले की रुला देने वाली 6 कहानियां
-
Pahalgam Terror Attack-सैलानियों की जान बचाते हुए अपनी जान दे दी घोड़े वाले सैयद हुसैन शाह ने
-
पहलगाम आतंकी हमला- आक्रोश, दुःख और संवेदनाओं से भर गया सोशल मीडिया