Samosas-Jalebi Fake News 

Samosas-Jalebi Fake News 

आपके फेवरेट समोसे-जलेबी पर हेल्थ वार्निंग! हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया वायरल खबरों का सच

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Samosas-Jalebi Fake News: क्या समोसे पर भी अब “हेल्थ वार्निंग” लिखी जाएगी? क्या जलेबी खाते वक्त अब अपराधबोध होगा? क्या लड्डू भी अब डेंजर जोन में आ गया है?
अगर आप भी ऐसी किसी खबर को पढ़कर अपने फेवरेट इंडियन स्नैक्स से दूरी बनाने की सोच रहे थे, तो ठहर जाइए!

ये सब महज एक झूठी अफवाह थी, जिसका खुद स्वास्थ्य मंत्रालय ने खंडन किया है।

मंगलवार, 15 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी सब साफ कर दिया है।

समोसा, जलेबी, लड्डू या किसी भी पारंपरिक स्ट्रीट फूड पर कोई हेल्थ वार्निंग लेबल लगाने का आदेश नहीं दिया गया है।

सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जो दावा किया जा रहा है, वो पूरी तरह से गलत, भ्रामक और बेबुनियाद है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरल दावों की खोली पोल

असल में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में केंद्र सरकार के विभिन्न दफ्तरों में कर्मचारियों के लिए एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की है।

जिसका मकसद ऑफिस वर्कप्लेस पर हेल्दी फूड की आदतों को बढ़ावा देना है।

यानि यह एडवाइजरी किसी समोसे वाले या जलेबी के ठेले पर नहीं, बल्कि सरकारी दफ्तरों की कैंटीन, लॉबी और कैफेटेरिया में लागू की जानी है।

यहां एजुकेशनल बोर्ड लगाए जाएंगे, जो यह बताएंगे कि तैलीय, अधिक चीनी और फैट वाले फूड्स जैसे पिज्जा, बर्गर, समोसा, वड़ा पाव आदि का जरूरत से ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि कोई आपके हाथ से समोसा छीनने आ रहा है या आपकी थाली से जलेबी हटाई जाएगी!

समोसे और जलेबी पर “सिगरेट जैसी” चेतावनी

बीते कुछ दिनों में कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि समोसे और जलेबी पर “सिगरेट जैसी” चेतावनी लगाई जाएगी।

सोशल मीडिया पर यह बात जंगल की आग की तरह फैल गई।

लोगों ने पारंपरिक भारतीय खानपान को निशाना बनाए जाने पर नाराज़गी भी जताई।

हालांकि, मंत्रालय ने खुद सामने आकर इन रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह हेल्थ एडवाइजरी सिर्फ एक जनहित पहल है, जिसमें किसी भी स्पेसिफिक फूड आइटम को टारगेट नहीं किया गया है।

पूरी खबर यहां पढ़ें – खाइए ज़रूर, मगर सोच-समझकर: सिगरेट जितने खतरनाक हैं समोसा-जलेबी! डराने वाली है हेल्थ मिनिस्ट्री की ये एडवाइजरी

फिट और हेल्दी वर्कफोर्स तैयार करना

इस पहल का मकसद है एक फिट और हेल्दी वर्कफोर्स तैयार करना है।

इसके लिए मंत्रालय ने कुछ रचनात्मक सुझाव दिए हैं:

  • फल-सब्जियों और लो-फैट ऑप्शन्स को बढ़ावा देना
  • ऑफिस में सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना
  • छोटे-छोटे वॉक ब्रेक और फिजिकल एक्टिविटी के लिए समय निकालना
  • पैदल चलने के लिए खास रास्तों का निर्माण

यह सब कुछ नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (NP-NCD) के तहत किया जा रहा है।

मोटापे पर लगाम लगाने की कोशिश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी “मन की बात” में इस मुद्दे को उठा चुके हैं।

उन्होंने फरवरी 2025 में कहा था कि देश में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है और हर आठ में से एक भारतीय इसकी चपेट में है।

उन्होंने सुझाव दिया था कि हर परिवार को हर महीने तेल और शक्कर की खपत में 10% की कटौती करनी चाहिए।

WHO की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 60% से ज्यादा लोग मोटापे या अधिक वजन से जूझ रहे हैं।

डायबिटीज के केस साल 2030 तक 10 करोड़ से ज्यादा हो सकते हैं।

वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 तक 44 करोड़ भारतीय मोटापे का शिकार हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

आपका समोसा अभी भी सुरक्षित है।

समोसे, जलेबी, लड्डू पर कोई हेल्थ वार्निंग नहीं लगाई जा रही है। यह अफवाह मात्र थी।

मंत्रालय का मकसद केवल जागरूकता फैलाना है, न कि स्वाद से दुश्मनी करना।

तो घबराइए नहीं! आपका समोसा अभी भी सुरक्षित है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने केवल इतना कहा है कि सेहतमंद विकल्प अपनाइए।

समोसा खाकर भी खुश रहिए – बस हर दिन नहीं, कभी-कभी।

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