Govind Rajput Vs Umang Singhar: मध्य प्रदेश की सियासत में उस समय हलचल मच गई, जब प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को 20 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेज दिया। यह नोटिस उमंग सिंघार द्वारा लगाए गए उन गंभीर आरोपों के जवाब में भेजा गया है, जिनमें उन्होंने मंत्री पर परिवहन विभाग में बड़े स्तर पर घोटाला करने और सौरभ शर्मा केस में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का आरोप लगाया था।
उमंग सिंघार ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर भ्रष्टाचार के पैसों से 1500 करोड़ रुपए की जमीन खरीदने के भी आरोप लगाए हैं। इसी के जवाब में मंत्री की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष को नोटिस थमाया गया है, जिसका जवाब उन्हें 15 दिनों में देना होगा।
परिवहन घोटाले में मंत्री पर गंभीर आरोप
दरअसल, कुछ दिन पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। उन्होंने दावा किया कि विभाग में एक संगठित रैकेट काम कर रहा है, जिसे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की शह प्राप्त है। सिंघार ने कहा कि इस रैकेट के जरिए हर महीने करीब 150 करोड़ रुपये की अवैध कमाई होती थी, जो सालभर में करीब 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती थी।
उमंग सिंघार ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने 2019 से 2024 के बीच अपनी पत्नी, बच्चों, सास और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदी। इसमें दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी जैसी महंगी जगहों पर भी संपत्तियां शामिल हैं। सिंघार का दावा है कि मंत्री ने 2023 में दाखिल शपथ पत्र में करीब 134 करोड़ रुपये की संपत्ति का उल्लेख ही नहीं किया।

सौरभ शर्मा केस से मंत्री का नाम जोड़ा
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इन आरोपों को सौरभ शर्मा के 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश कांड से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा के नेटवर्क में मंत्री की सीधी संलिप्तता है और इस कांड के पीछे पूरा तंत्र मंत्री के इशारे पर ही काम कर रहा था। सिंघार ने आरोप लगाया कि रिटायर्ड अफसर दशरथ पटेल और अलीम खान इस रैकेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। इन आरोपों के बाद मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कड़ा रुख अपनाते हुए उमंग सिंघार को 20 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेज दिया है।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूतने कहा कि सिंघार के आरोप पूरी तरह से झूठे, आधारहीन और उनकी छवि खराब करने के इरादे से लगाए गए हैं। उन्होंने नोटिस में 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण और माफी मांगने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर मंत्री ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस पर उमंग सिंघार ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर की गई पोस्ट में लिखा कि “न डरे हैं, न डरेंगे!” नोटिस का जवाब भी देंगे और कोर्ट भी जाएंगे।

फिलहाल, यह मामला राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ी चर्चा का विषय बन चुका है। एक तरफ कांग्रेस ने सिंघार के आरोपों को सही ठहराते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, वहीं बीजेपी ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित और बेबुनियाद बताया है।
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