वैज्ञानिकों ने शोध में किया दावा-गंगा नदी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव, गंगा में स्नान, आचमन से किसी भी संक्रमण का कोई खतरा नहीं
वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में मोक्षदायिनी गंगा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और लखनऊ के बीरबल साहनी पुराविज्ञान इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने संयुक्त शोध के बाद इसकी रिपोर्ट जारी की है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक जब गंगा में लगातार शवों के मिलने का सिलसिला जारी था, तब गंगा किनारे रहने वाले लोगों को इस बात की चिंता सता रही थी कि गंगा में स्नान और आचमन से कहीं वो भी कोरोना संक्रमित न हो जाएं।
जनमानस में फैले इसी डर की हकीकत जानने के लिए बीएचयू के वैज्ञानिकों ने लगातार चार सप्ताह वाराणसी में अलग-अलग जगहों से गंगाजल के सैम्पल्स लिए, फिर लखनऊ के बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के डॉ. नीरज राय के लैब में इसकी आरटी-पीसीआर जांच की।
महीने भर चली इस जांच के बाद अब गंगा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है और अब ये भी साफ हो गया है कि गंगा में स्नान और आचमन से किसी को कोरोना का खतरा नहीं है।
गंगा नेगेटिव, गोमती पॉजिटिव
बीएचयू के जीव विज्ञानी प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जब तेज था तो वाराणसी में गंगा और लखनऊ में गोमती नदी के जल का कोरोना टेस्ट किया गया। इस टेस्ट में गंगा की रिपोर्ट नेगेटिव, जबकि गोमती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
बहते और रुके जल से लिए गए थे सैम्पल्स
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि गंगा में अलग-अलग जगहों से सैम्पल्स एकत्र किए गए हैं। इनमें बहते जल के अलावा उन स्थानों का भी चयन किया गया था। जहां गंगा के पानी में ठहराव होता है, लेकिन इन सभी जल के सैम्पल्स की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
एंटी वायरल है गंगा
बीरबल साहनी पुराविज्ञान इंस्टीट्यूट के डॉ. नीरज राय ने बताया कि गंगा में कई तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जिनमें वायरस को नष्ट करने की क्षमता होती है। यही वजह रही कि गंगा जल में कोरोना वायरस नहीं पाया गया। इसके अलावा गंगा जल एंटी वायरल होता है।
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