Liquor Ban Demand in MP: मध्य प्रदेश में एक बार फिर शराब को लेकर सियासत गर्म हो गई है।
कांग्रेस ने आदिवासी बहुल इलाकों में शराब के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताते हुए महुआ को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
आदिवासी क्षेत्र शराब का अड्डा बन गए- भूरिया
आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और झाबुआ विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि “आदिवासी क्षेत्रों को शराब का अड्डा बना दिया गया है, जिससे वहां की पीढ़ियां बर्बाद हो रही हैं।”
डॉ. भूरिया ने कहा कि एक ओर धार्मिक स्थलों के आसपास शराबबंदी की बातें होती हैं, वहीं दूसरी ओर आदिवासी इलाकों में शराब की खुलेआम बिक्री और खपत हो रही है।
उन्होंने कहा, सरकार को महुआ की पारंपरिक शराब को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की शराब पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए।
महुआ शराब आदिवासियों की पूजा-पद्धति से जुड़ी हुई है, जबकि बाकी शराब समाज को खोखला कर रही है।
‘D3’ मुहिम – दहेज, दारू और डीजे के खिलाफ आंदोलन
कांग्रेस नेता ने बताया कि आदिवासी इलाकों में एक सामाजिक जागरूकता अभियान के रूप में ‘D3 मुहिम’ चलाई जा रही है।
इस मुहिम का उद्देश्य है – दहेज प्रथा, शराबखोरी और तेज आवाज़ में डीजे जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लोगों को जागरूक करना।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं, लेकिन जब तक सरकार नीति स्तर पर शराबबंदी नहीं करती, तब तक बदलाव अधूरा रहेगा।
नकली होलोग्राम और शराब माफिया पर कार्रवाई नहीं
डॉ. भूरिया ने धार जिले के कलेक्टर द्वारा जारी एक पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राज्य में नकली होलोग्राम के जरिये शराब की तस्करी हो रही है।
उन्होंने कहा, जब शराब की गाड़ियां पकड़ी जाती हैं तो सिर्फ ड्राइवरों पर कार्रवाई होती है, असली मालिक और ठेकेदार बच जाते हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि झाबुआ और अलीराजपुर जैसे गरीब जिलों में 400 करोड़ रुपये के शराब ठेके कैसे जारी हो सकते हैं?
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “क्या हर आदमी एक लाख रुपये की शराब पी रहा है?”
यह सवाल दर्शाता है कि ठेके के पीछे कहीं न कहीं भ्रष्टाचार या राजनीतिक संरक्षण की भूमिका हो सकती है।
गुजरात जैसे ड्राय स्टेट तक जा रही शराब
विक्रांत भूरिया ने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश से शराब की खेप गुजरात तक पहुंचाई जा रही है, जो कि देश का एक ड्राय स्टेट है।
उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों की नहीं, बल्कि शराब माफिया की हितैषी बन चुकी है।
हाल ही में जोबट में पकड़ी गई एक करोड़ रुपये की शराब की खेप इसका प्रमाण है।
अंत में कांग्रेस नेता ने सरकार से आग्रह किया कि वह आदिवासी समाज के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत शराबबंदी लागू करे।
उन्होंने कहा कि शराब के जरिए सरकार राजस्व कमाने के बजाय आदिवासियों का जीवन नष्ट कर रही है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कांग्रेस आदिवासी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर जन आंदोलन चलाएगी।
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