Congress Organizational Changes

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कांग्रेस ने किया पंजाब-हरियाणा में बड़ा बदलाव, आलोक शर्मा और अजय यादव से छीनी जिम्मेदारियां

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Congress Organizational Changes: कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद संगठनात्मक स्तर पर बड़ा बदलाव किया है।

इस फेरबदल की सीधी गूंज पंजाब और हरियाणा की राजनीति में सुनाई दी है, जहां दो वरिष्ठ नेताओं को उनके पदों से हटा दिया गया है।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी महासचिव आलोक शर्मा और हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव को उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है।

आलोक शर्मा को AICC सचिव पद से हटाया गया

कांग्रेस आलाकमान द्वारा जारी आधिकारिक पत्र के अनुसार आलोक शर्मा को पंजाब प्रभारी महासचिव के रूप में संबद्ध ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया गया है।

हालांकि उन्हें पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट के रूप में कार्य करते रहने की अनुमति दी गई है। माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से चल रहे असंतोष और संगठनात्मक निष्क्रियता की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है।

Congress Removed Alok Sharma
Congress Removed Alok Sharma

कैप्टन अजय यादव से छीना गया ओबीसी प्रभारी का पद

कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन अजय यादव को भी AICC के ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) राष्ट्रीय प्रभारी पद से हटा दिया है। उनकी जगह अब डॉ. अनिल जयहिंद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डॉ. जयहिंद आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता रह चुके हैं और अब कांग्रेस में सक्रिय हैं। उनका नाम हरियाणा की राजनीति में पिछड़ा वर्ग के प्रभावी प्रतिनिधि के रूप में उभरा है।

Congress Removed Ajay Yadav
Congress Removed Ajay Yadav

बता दें, लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम से टिकट न मिलने और विधानसभा चुनाव में कथित उपेक्षा के चलते अजय यादव पहले से ही नाराज चल रहे थे।

राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान उनके कार्य प्रदर्शन पर सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद उन्होंने 17 अक्टूबर 2024 को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था

फेरबदल के बाद पार्टी में असंतोष की आहट

इस बड़े फेरबदल के बाद कांग्रेस के भीतर कलह की खबरें भी सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि यह बदलाव आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि कमजोर प्रदर्शन करने वाले नेताओं की जगह नए चेहरे और सक्रिय कार्यकर्ता लाए जा सकें।

इन बदलावों को लेकर पार्टी में अंदरूनी असंतोष बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि, कांग्रेस इस फैसले को पार्टी की नई रणनीति के रूप में देखा रही है, जिसका मकसद संगठन को मजबूत करना और कार्यकुशल नेतृत्व को आगे लाना है।

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