Ajay Rai Called Rafale a Toy

Ajay Rai Called Rafale a Toy

राहुल के इस बेशर्म ख़ास नेता ने ‘राफेल’ को बताया खिलौना, पाकिस्तानी मीडिया में उड़ा हिंदुस्तान का मज़ाक

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Ajay Rai Called Rafale a Toy: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है।

केंद्र सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल उठने लगे हैं और इसी बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।

उन्होंने राफेल लड़ाकू विमान को ‘खिलौना’ कहकर सरकार पर तंज कसा और विमान के मॉडल पर नींबू-मिर्च लटकाकर प्रेस कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया।

अजय राय की इस टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखा पलटवार किया, जबकि पाकिस्तानी मीडिया ने इसे भारत सरकार की आलोचना के रूप में जमकर प्रसारित किया।

पहले जानें कांग्रेस नेता अजय राय ने क्या कहा?

वाराणसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजय राय ने एक राफेल के खिलौने को दिखाते हुए कहा, हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। आतंकवादी घटनाएं बढ़ रही हैं।

रकार ने फ्रांस से राफेल खरीद लिया, लेकिन अब उसे नींबू-मिर्ची लटकाकर हैंगर में खड़ा कर दिया है। आखिर मोदी सरकार कब जवाब देगी? कब आतंकियों और उनके सरपरस्तों पर कार्रवाई होगी?

इस प्रेस कांफ्रेंस में अजय राय ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार आतंकवाद पर केवल ‘बड़ी-बड़ी बातें’ कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।

उन्होंने केंद्र सरकार से यह पूछा कि राफेल विमानों का इस्तेमाल अगर नहीं करना था, तो फिर उन्हें खरीदा ही क्यों गया?

पाकिस्तानी मीडिया में ‘स्टार’ बने अजय राय

इस पूरे घटनाक्रम में चौंकाने वाली बात यह रही कि अजय राय का वीडियो पाकिस्तानी न्यूज चैनल ARY पर प्रमुखता से चलाया गया।

इस चैनल ने अजय राय के बयान को हेडलाइन बनाकर दिखाया कि भारत के अंदर ही मोदी सरकार और सेना की आलोचना हो रही है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, भारतीय नेता खुद मान रहे हैं कि राफेल विमानों को नींबू-मिर्ची बांधकर खड़ा किया गया है।

मोदी सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करती है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी अजय राय के बयान को जमकर शेयर किया जा रहा है।

इससे भाजपा को कांग्रेस पर यह आरोप लगाने का मौका मिला कि वह पाकिस्तान के नैरेटिव को मजबूती दे रही है।

अजय राय के बयान से प्रियंका गांधी की दूरी

जब अजय राय के बयान पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ कहा कि अजय राय का बयान पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है।

उन्होंने कहा, पार्टी का रुख CWC (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) की बैठक में आए बयान से स्पष्ट होता है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई है।

अजय राय का बयान व्यक्तिगत था। प्रियंका गांधी का यह स्पष्टीकरण इस बात को दर्शाता है कि पार्टी अपने नेता के बयान से खुद को अलग करना चाहती है।

राफेल पर नींबू-मिर्च लटकाने पर राय की सफाई

अपने बयान पर मचे बवाल के बाद अजय राय ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने राफेल पर नींबू-मिर्च नहीं बांधा, बल्कि रक्षा मंत्री ने जब फ्रांस जाकर विमान लिया था, तब यह टोटका अपनाया गया था।

उन्होंने कहा, मैंने तो केवल सरकार की आंखें खोलने की कोशिश की थी। मैं सेना का मजाक नहीं उड़ा रहा। मेरा सवाल सीधा है कि आखिर अब तक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

अजय राय का कहना था कि सरकार ने इतने आधुनिक और महंगे हथियार खरीदे हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल आज तक क्यों नहीं हो पाया, जब देश पर आतंकी हमले लगातार हो रहे हैं?

बीजेपी ने कहा- कांग्रेस कर रही सेना का अपमान

कांग्रेस नेता की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, अजय राय ने राफेल को खिलौना बताकर भारत की सेना और उनके शौर्य का अपमान किया है।

पाकिस्तान की मीडिया में उनके बयान का प्रसारण इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस देश की छवि को नुकसान पहुंचा रही है।

वहीं, भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय सेना के धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं पर सवाल उठाकर कांग्रेस न सिर्फ सनातन धर्म बल्कि हमारी सुरक्षा परंपराओं का भी मजाक बना रही है।

उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ एक बयान नहीं है, बल्कि कांग्रेस की पाकिस्तान समर्थक मानसिकता का उदाहरण है।

कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेगा राय का बयान

अजय राय की टिप्पणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जहां एक ओर उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग की, वहीं दूसरी ओर उनका तरीका विवादों में आ गया।

कांग्रेस के लिए यह बयान एक तरफ जहां राजनीतिक हमले का हथियार हो सकता था, वहीं दूसरी तरफ इससे पार्टी को सफाई देने की भी नौबत आ गई।

इधर भाजपा ने इस अवसर को भुनाते हुए राष्ट्रवाद और सेना के सम्मान को चुनावी मुद्दा बना लिया है, जबकि कांग्रेस को आंतरिक तौर पर यह तय करना होगा कि उसके नेता किस हद तक व्यक्तिगत बयान दे सकते हैं, जो पार्टी की छवि और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों को प्रभावित करते हैं।

कहा जा सकता है कि अजय राय का यह बयान एक ऐसी चिंगारी बन गया है, जो घरेलू राजनीति से होते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक पहुंच गया है और कांग्रेस के लिए आने वाले समय में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

 

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