Nagpur Violence Politics: नागपुर हिंसा ने महाराष्ट्र की राजनीति को गरमा दिया है। शिवसेना (उद्धव गुट) और भाजपा के बीच इस मुद्दे को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक ओर जहां हिंसा के लिए फिल्म ‘छावा’ को दोषी करार दिया, तो वहीं शिवसेना ने भाजपा और CM फडणवीस को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
शिवसेना (उद्धव गुट) का मुखपत्र ‘सामना’
नागपुर में हुई हिंसा को लेकर जहां एक ओर सरकार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कह रही है, वहीं विपक्षी दल भाजपा की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ ने भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा प्रहार किया है। शिवसेना ने अपने लेख में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस हिंसा का दोष ‘छावा’ फिल्म पर मढ़ दिया है, जो उनके मनोबल की कमी का संकेत देता है। शिवसेना का दावा है कि इस फिल्म का विशेष शो खुद मुख्यमंत्री ने आयोजित किया था, भाजपा और संघ परिवार ने इसका प्रचार किया था। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि दंगों के अपराधियों को नहीं छोड़ा जाएगा, तो क्या फिल्म के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
सीएम फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त
शिवसेना (उद्धव गुट) का कहना है कि नागपुर का 300 साल पुराना इतिहास है और वहां कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। फडणवीस केवल भाषण देते हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सामना ने यह भी सवाल उठाया कि जब फडणवीस खुद गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं, तो दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की अनुमति कैसे मिली? अगर दंगाई बाहरी थे, तो गृह विभाग और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं?
शिवाजी के इतिहास को खत्म करने की कोशिश
राजनीतिक गलियारों में इस हिंसा को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा सरकार सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का कर चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि वह किसी भी हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ‘सामना’ ने 18 मार्च को लेख में कहा था कि भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा है। इसी वजह से वे छत्रपति शिवाजी के इतिहास को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
लोकसभा में भाजपा के ओडिशा के बारगढ़ से सांसद प्रदीप पुरोहित ने कहा था कि हमारे शिवाजी मोदी हैं, मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी थे। तो अब भाजपा ने नए शिवाजी को जन्म दिया है और इसके लिए मूल शिवाजी को खत्म करने की उनकी योजना है। फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को खत्म करना है तो पहले औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करना होगा। मतलब इतिहास अपने आप नष्ट हो जाएगा।
नागपुर हिंसा का बांग्लादेश कनेक्शन
नागपुर हिंसा मामले में जांच के दौरान एक बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया है। साइबर सेल की जांच में पाया गया कि एक सोशल मीडिया यूजर ने धमकी दी थी कि यह हिंसा एक छोटी घटना थी और भविष्य में इससे भी बड़े दंगे होंगे। इसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने वाले 34 अकाउंट पर कार्रवाई की और 10 एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने अब तक मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान समेत 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। फहीम पर 500 से अधिक दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। इससे पहले, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने 69 आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी, जिसमें 8 विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
हिंसा के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि हिंसा की वजह अफवाहें थीं। उन्होंने दावा किया कि जलाई गई चादर पर कुरान की आयत नहीं थी और इस अफवाह के माध्यम से हिंसा को भड़काया गया। सीएम फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी दोषी और पुलिस पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें 17 मार्च सोमवार रात हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें तीन डीसीपी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। दंगाइयों ने वाहनों में तोड़फोड़ की, पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया और कुछ घरों पर भी हमला किया था।
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