Lawyers-Police Clash: इंदौर। शहर के परदेशीपुरा क्षेत्र में होली के दौरान रंग फेंकने को लेकर हुआ विवाद बढ़ते-बढ़ते पुलिस और वकीलों के बीच टकराव तक आ पहुंचा। मामला इतना बढ़ गया कि थाने में हाईकोर्ट अधिवक्ताओं ने घेराव कर दिया और सड़कों पर प्रदर्शन किया। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद स्थिति और अधिक गंभीर हो गई। प्रारंभिक जांच के बाद पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
रंग फेंकने के विवाद ने लिया बड़ा रूप
डमरू उस्ताद चौराहे के समीप शनिवार सुबह करीब 10 बजे कुलकर्णी का भट्टा निवासी राजू उर्फ कालू गौड़ (50) अपनी स्कूटी से घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान सड़क किनारे होली खेल रहे बच्चों ने उन पर रंग फेंक दिया। इस पर कालू ने बच्चों को रोकने और समझाने की कोशिश की, तो बच्चों के परिजन अरविंद जैन, अपूर्व जैन और अर्पित जैन मौके पर पहुंच गए और कालू के साथ बहस करने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि तीनों ने कालू के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस बीच कालू वहां से निकलकर पास में लगे पुलिस चेकिंग पॉइंट पर पहुंचा और पुलिस को घटना की जानकारी दी। जब पुलिसकर्मी फरियादी कालू के साथ घटना स्थल पर पहुंचे, तो तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने ही कालू से दोबारा मारपीट कर दी। जब पुलिस ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से भी बहस शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया और थाने लेकर आ गई।
थाने का घेराव और हाईकोर्ट अधिवक्ताओं का प्रदर्शन
घटना के बाद तीनों आरोपी, जो पेशे से वकील हैं, को थाने में बैठाया गया। जैसे ही यह खबर फैली, बड़ी संख्या में हाईकोर्ट अधिवक्ता परदेशीपुरा थाने पर जमा हो गए। वकीलों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया और हंगामा खड़ा कर दिया। वकीलों ने टीआई से झड़प करते हुए पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया। इंदौर में शनिवार को हाईकोर्ट चौराहे पर वकीलों ने तीन घंटे तक चक्काजाम किया। वहीं वकीलों ने थाने का घेराव करने के साथ-साथ हाईकोर्ट चौराहे पर भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उनकी एक टीआई से झड़प भी हुई, इस दौरान टीआई ने भागकर अपनी जान बचाई। इसके अलावा कुछ वकीलों ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जैसे पुलिस ने बिना जांच किए तीन वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, वैसे ही पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हो।
सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट हुई सच्चाई
पुलिस ने विवाद को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो गई। फुटेज में दिखा कि कालू अपनी स्कूटी से गुजर रहे थे, तभी उन पर रंग फेंका गया। जब उन्होंने बच्चों को रोका, तो तीनों आरोपियों ने उनके साथ झगड़ा शुरू कर दिया। फुटेज में यह भी नजर आया कि जब कालू पुलिस को घटना स्थल दिखाने लाए, तो तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने ही उन पर हमला कर दिया। इसके बाद जब पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की। पुलिस ने इस आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया।
तीनों आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि तीनों आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से ही मौजूद है।
- अरविंद जैन: एमजी रोड और परदेशीपुरा थाने में 3 प्रकरण दर्ज हैं।
- अपूर्व जैन: एमजी रोड और परदेशीपुरा थाने में 3 केस दर्ज हैं।
- अर्पित जैन: एमजी रोड और आष्टा थाने में 2 केस दर्ज हैं।
वकीलों की मांग और पुलिस की प्रतिक्रिया
वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथी अधिवक्ताओं पर बिना जांच के केस दर्ज किया, जबकि पुलिसकर्मियों ने भी अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता की और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर भी एफआईआर दर्ज करने और टीआई जितेंद्र यादव को सस्पेंड करने की मांग की। डीसीपी अमरेंद्र सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है। यदि जांच में कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। वकीलों और थाना प्रभारी जितेंद्र यादव के बीच झड़प का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वकील टीआई पर नशे की हालत में होने का आरोप लगा रहे थे। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारियों ने इस आरोप को नकार दिया। वकीलों ने टीआई का मेडिकल परीक्षण कराने की मांग की है।
जांच के बाद पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड
डीसीपी अमरेंद्र सिंह ने प्रारंभिक जांच के बाद जब पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया उसके बाद प्रदर्शन खत्म हुआ। इस पूरे घटनाक्रम के बाद इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस दोषी अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो वे सोमवार से बड़ा आंदोलन करेंगे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
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