CDS Anil Chauhan: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भारत की रक्षा तैयारियों में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम कल के हथियारों से आज की लड़ाई नहीं जीत सकते है।
दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) और C-UAS (काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम) की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था।
इस दौरान CDS अनिल चौहान ने युद्ध में तकनीकी विकास और स्वदेशी रक्षा उत्पादों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता हमारी कमजोरी
CDS चौहान ने दो टूक शब्दों में कहा कि विदेशों से आयात की गई टेक्नोलॉजी पर अत्यधिक निर्भरता हमारी युद्ध तैयारियों को कमजोर बनाती है।
उन्होंने कहा, यह न केवल हमारी तैयारियों को प्रभावित करती है, बल्कि हमारे उत्पादन की क्षमता को भी सीमित करती है। इससे आवश्यक मैकेनिकल पार्ट्स की भी कमी होती है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए बताया कि इस अभियान में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अनआर्म्ड ड्रोन्स का प्रयोग किया, जिनमें से अधिकांश को सफलतापूर्वक मार गिराया गया।
ये ड्रोन्स हमारे किसी भी सैन्य या नागरिक ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा सके।
ड्रोन्स से युद्ध में आया क्रांतिकारी बदलाव
जनरल चौहान ने युद्ध में ड्रोन टेक्नोलॉजी के प्रभाव को ‘इवोल्यूशनरी’ और ‘क्रांतिकारी’ बताया।
उन्होंने कहा कि सेना ने जैसे-जैसे ड्रोन्स की तैनाती को बढ़ाया, उनका उपयोग बेहद रणनीतिक और प्रभावी ढंग से किया। कई युद्धों में ड्रोन की भूमिका निर्णायक रही है।
उनका कहना है कि हम भविष्य में ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए हमें स्वदेशी क्षमताओं में निवेश करना होगा।
पाक की योजना विफल होने की दी थी जानकारी
CDS जनरल अनिल चौहान ने इससे पहले 3 जून को पुणे यूनिवर्सिटी में आयोजित एक लेक्चर में खुलासा किया था।
10 मई की रात पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में झुकाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना महज 8 घंटे में ही नाकाम हो गई।
इसके बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की गुहार लगाई। भारत ने इस ऑपरेशन के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया।
उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर निशाना साधा।
पाक जनरल भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था और कुछ ही हफ्तों बाद पहलगाम में जो क्रूरता हुई, वह उसी सोच की उपज थी।
जब जनरल चौहान से भारत-पाक तनाव के दौरान फाइटर जेट खोने जैसे नुकसान पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसे “अमहत्वपूर्ण” बताया।
उन्होंने कहा, परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण है। नुकसान और संख्या के बारे में बात करना सही नहीं होगा।
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