चीनी कनेक्शन- छापा पड़ा तो चिदंबरम का बेटा बोला ‘गिनती भूल गया हूँ’

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सीबीआई ने चिदंबरम के 9 ठिकानों पर मारे छापे, चिदंबरम के बेटे पर 250 चीनी नागरिकों को रिश्वत लेकर वीजा दिलवाने औरसारा पैसा विदेशों में जमा करवाने का आरोप

नई दिल्ली। सीबीआई ने मंगलवार सुबह 6 बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के कई ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। चिदंबरम पर आरोप है कि चीनी इंजीनियर्स से रिश्वत लेकर उनका वीजा इश्यू कराया।

साल 2010 से 2014 के दौरान करीब 250 चीनी नागरिकों को गलत तरीके से वीजा जारी करवाया और बदले में रिश्वत ली।

ये सभी चीनी नागरिक पंजाब के मानसा में बन रहे तलवडी साबो पॉवर प्रोजेक्ट के लिए आए थे। बताया जाता है कि कार्ति ने इन सभी चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने के लिए करीब 50 लाख रुपये रिश्वत ली ओर इन पैसों को विदेश में जमा करवाया। इसके साथ ही सीबीआई ने चिदंबरम पर कई और नए केस दर्ज किये हैं।

कार्ति चिदंबरम के चेन्नई, मुंबई, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, ओडिशा में स्थित करीब 9 ठिकानों पर सीबीआई ने एक साथ कार्रवाई की। पी. चिदंबरम के दिल्ली के जोरबाग और चेन्नई स्थित आवास पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है।

सीबीआई की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘मैं गिनती भूल गया हूं, यह कितनी बार हुआ है? एक रिकॉर्ड होना चाहिए.’ सूत्रों की मानें तो केंद्रीय जांच एजेंसी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ 2010-14 के बीच कथित तौर पर गलत तरीके से विदेशी फंड प्राप्त करने को लेकर एक नया मामला दर्ज किया है.

एयरसेल-मैक्सिस समझौते एवं विदेशी निवेश सवंर्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी कोष प्राप्त करने की मंजूरी दिलाने से जुड़े कई आपराधिक मामलों में कार्ति चिदंबरम जांच का सामना कर रहे हैं। यह विदेशी कोष उनके पिता पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते प्राप्त किया गया था।

आईएनएक्स मीडिया ग्रुप पर आरोप है कि 2007 में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में कई तरह की अनियमितताएं बरतकर उसने 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त किया। जब कंपनी को विदेशी निवेश प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई थी, उस समय पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।

तिहाड़ जेल में 106 दिन बंद रहे थे पी. चिदंबरम

मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 21 अगस्त 2019 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया और फिर 16 अक्टूबर को इसी मामले में ED ने अरेस्ट किया था. तिहाड़ जेल में 106 दिन रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से 4 दिसंबर 2019 को उन्हें जमानत मिली।

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