Bengaluru Stampede Case: बेंगलुरु भगदड़ मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने बड़ा फैसला सुनाया है।
ट्रिब्यूनल ने इस घटना के लिए आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि पुलिस पर दोष मढ़ना तर्कसंगत नहीं है।
इसके साथ ही इस मामले में निलंबित किए गए वरिष्ठ IPS अधिकारी विकास कुमार का निलंबन रद्द कर दिया गया है।
CAT ने अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी भी इंसान होते हैं, न वे भगवान हैं और न ही जादूगर।
उनके पास अलादीन का चिराग नहीं है, जिससे उंगली घुमाकर हर व्यवस्था एक झटके में कर दी जाए।
यदि उन्हें तैयारी के लिए उचित समय नहीं दिया गया, तो यह अपेक्षा करना कि वे लाखों की भीड़ को नियंत्रित कर लेंगे, अनुचित और अवास्तविक है।
एक नजर में पूरा मामला
4 जून 2025 को IPL जीतने के बाद RCB ने बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर विजय जुलूस (Victory Parade) का आयोजन किया था।
यह आयोजन बिना पुलिस की अनुमति के किया गया था और इसकी घोषणा अचानक सोशल मीडिया पर की गई।
इसके बाद भारी संख्या में लोग जुलूस देखने के लिए स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। माना जा रहा है कि वहां लगभग 3 से 5 लाख लोग जुट गए थे।
अव्यवस्था के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 75 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
घटना के बाद राज्य सरकार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए IPS विकास कुमार को सस्पेंड कर दिया था।
RCB की लापरवाही जिम्मेदार – CAT
CAT ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि RCB ने बिना किसी पूर्व अनुमति या सूचना के विजय जुलूस की घोषणा की।
इतने बड़े आयोजन की सूचना अगर पहले दी जाती, तो पुलिस तैयारियां कर सकती थी।
लेकिन, केवल 12 घंटे पहले सूचना देकर लाखों की भीड़ बुलाना एक तरह से अव्यवस्था को आमंत्रण देना था।
CAT ने आगे कहा कि यह मानना गलत है कि पुलिस हर स्थिति में चमत्कार कर सकती है।
उनके पास भी सीमित संसाधन होते हैं और उन्हें अन्य जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना होता है।
4 जून को विधानसभा परिसर में भी राज्य सरकार का एक कार्यक्रम चल रहा था, जहां बड़ी संख्या में पुलिस बल पहले से तैनात था।
सस्पेंड IPS विकास कुमार को राहत
भगदड़ के बाद IPS विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने CAT में अपने निलंबन को चुनौती दी।
ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार से जवाब मांगा और सभी तथ्यों का अध्ययन करने के बाद कहा कि जब आयोजन की अनुमति ही नहीं ली गई थी और समय भी पर्याप्त नहीं था, तो ऐसी स्थिति में विकास कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारी को दोषी ठहराना अन्यायपूर्ण है।
ट्रिब्यूनल ने साफ तौर पर कहा कि यह एक प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि आयोजनकर्ताओं की गंभीर लापरवाही का नतीजा था।
क्या RCB के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई?
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) भारत सरकार के कर्मचारियों से जुड़ी सेवा विवादों के समाधान के लिए गठित एक अर्ध-न्यायिक संस्था है।
इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के मामलों का शीघ्र और विशेषज्ञता के साथ निपटारा करना है, जिससे न्यायालयों का बोझ कम हो।
CAT के फैसले के खिलाफ अपील सीधे हाईकोर्ट में की जा सकती है।
हालांकि, इस मामले में अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं।
जैसे क्या RCB के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी?
क्या भविष्य में ऐसे आयोजनों को लेकर नई गाइडलाइंस बनाई जाएंगी?
क्या आयोजनकर्ताओं की ओर से जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी?
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