Ankita Bhandari Murder Case

Ankita Bhandari Murder Case

अंकिता भंडारी हत्याकांड: BJP नेता के बेटे समेत 3 दोषियों को उम्रकैद, कोटद्वार जिला कोर्ट ने सुनाया फैसला

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Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में दो साल आठ महीने बाद फैसला आ गया है।

कोटद्वार जिला अदालत ने भाजपा नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य समेत तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

अदालत ने पुलकित के साथ-साथ उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

यह मामला सितंबर 2022 में तब सामने आया था जब 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करते हुए लापता हो गई थीं।

छह दिन बाद, 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ था।

यह वही रिसॉर्ट था, जिसका मालिक पुलकित आर्य था—जो भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद आर्य का बेटा है।

इस घटना ने उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में आक्रोश की लहर फैला दी थी।

पीड़ित परिवार की पीड़ा और प्रतिक्रिया

अदालत के फैसले से पहले अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा था कि उन्हें “मौत के बदले मौत” चाहिए

उनका मानना था कि जिन्होंने उनकी बेटी को बेरहमी से मारा, उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

हालांकि अदालत ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद दी है, लेकिन परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद अब पूरी हुई है।

वीरेंद्र भंडारी ने फैसले के बाद कहा, हमने लंबा इंतजार किया।

हमारी बेटी के लिए न्याय मिला, मगर हम यह कभी नहीं भूल सकते कि उसे किस तरह मारा गया।

हमने न्याय की लड़ाई लड़ी और आज कोर्ट ने सच्चाई को स्वीकार किया।

हत्या करके नहर फेंकी थी लाश

18 सितंबर 2022 को अंकिता अचानक लापता हो गई।

जब उसका कुछ अता-पता नहीं चला, तो पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

प्रारंभिक पूछताछ में पुलकित ने दावा किया कि अंकिता मानसिक तनाव में थी और वह उसे घुमाने ले गया था, लेकिन अगले दिन सुबह वह अपने कमरे से गायब पाई गई।

हालांकि, पुलिस की जांच में यह कहानी झूठी निकली। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से कड़ी पूछताछ की।

रिसॉर्ट के अन्य कर्मचारियों और रास्ते में लगे CCTV कैमरों की फुटेज से यह साफ हो गया कि अंकिता पुलकित और उसके दोनों साथियों के साथ निकली थी लेकिन वापस लौटकर नहीं आई।

पूछताछ में पुलकित आर्य ने स्वीकार किया कि उन्होंने मिलकर अंकिता को गंगा नहर में धक्का देकर मार डाला था।

अश्लील मांगों का विरोध करना पड़ा महंगा

जांच में यह भी सामने आया कि पुलकित आर्य अंकिता पर “गेस्ट से मसाज” जैसी अश्लील मांगें पूरी करने का दबाव बना रहा था।

जिसका अंकिता ने विरोध किया और यही विरोध उसकी हत्या की वजह बना

आरोपी उसे 18 सितंबर की रात एक सुनसान स्थान पर ले गए और वहां से चीला नहर में धक्का दे दिया।

अंकिता की हत्या से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया।

स्थानीय लोगों ने पुलकित आर्य के रिसॉर्ट को आग के हवाले कर दिया और भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी पर भी हमला किया।

धामी सरकार ने चलाया रिसॉर्ट पर बुलडोज

जनता की नाराजगी और विपक्ष के दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।

रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया गया और सरकार को कठोर कदम उठाने पड़े।

इसके बाद भाजपा ने पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया

वे भाजपा OBC मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी थे।

पुलकित के भाई अंकित आर्य को भी उत्तराखंड OBC कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

 

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