सपा सरकार ने आजमगढ़ को आतंक का अड्डा बना रखा था

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– अखिलेश के गढ़ से अमित शाह की ललकार

नई दिल्ली। अमित शाह ने आज यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गढ़ से हुंकार भरी। गृह मंत्री ने कहा कि सपा सरकार ने आजमगढ़ को आतंक का अड्डा बना कर रखा हुआ था। इस शहर को कट्टरता के लिए जाना जाता था।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि पांच साल में कई क्षेत्रों में विकास हुआ है। शाह यहीं नहीं रुके, उन्होंने सीधे तौर पर अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनावी मौसम में अखिलेश को जिन्ना भी दिख रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष केवल तुष्टिकरण करता आया है। बता दें कि आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्यास के अवसर पर अमित शाह ने अपना संबोधन दिया।

उन्होंने कहा कि योगीजी ने जातिवाद, भाई-भतीजावाद और तुष्टीकरण का अंत किया। 2015 से पहले, यूपी की अर्थव्यवस्था देश में छठे स्थान पर थी और आज यह नंबर 1 पर है। 2. बेरोजगारी दर घटकर 4.1% हो गई; 40 मेडिकल कॉलेज हैं, मेडिकल सीटें 3800 हो गई हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में योगी सरकार में बदलाव देखने को मिल रहा है। सीएम आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘माफिया-राज’ खत्म हो गया है।

इससे पहले शाह ने शुक्रवार को वाराणसी में प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया था। बता दें कि 16 नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल को साधते हुए यूपी को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का तोहफा देंगे तो उसी दिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गाजीपुर में विजय रथ के जरिए पूर्वांचल में पार्टी की बिसात मजबूत करेंगे।

बता दें कि आजमगढ़, समाजवादी पार्टी और बसपा का किला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजमगढ़ को बहुत महत्व देते हैं। साल 2019 में लोकसभा चुनाव में पहले उन्होंने यहां बड़ी जनसभा को संबोधित भी किया था।

सपा-बसपा के इस किले में सेंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार पूर्वंचाल का दौर कर चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह आजमगढ़ की भौगोलिक स्थिति भी है। इस जिले की सीमाएं जौनपुर, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, ,सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर और गोरखपुर से घिरी हैं। समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया के जमाने से ये जिला समाजवादी विचारधारा से काफी प्रभावित रहा है।

यहां करीब 45 प्रतिशत यादव-मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं अगड़ी जातियां 24 प्रतिशत के करीब है। जबकि दलित 30 प्रतिशत के आस-पास है। इस समाजिक समीकरण के चलते यहां पर सालों से सपा-बसपा का गढ़ माना जाता है।

वाराणसी में बोले शाह-मुझे गुजराती से ज्यादा हिंदी पसंद है :  गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमें हिंदी भाषा बोलने में किसी भी प्रकार की शर्म नहीं आनी चाहिए क्योंकि हमारी राजभाषा हमारा गौरव है और हमें अपने बच्चों से भी अपनी मातृभाषा हिंदी में बात करनी चाहिए। शाह ने कहा उन्हें खुद गुजराती से ज्यादा हिंदी भाषा पसंद है।

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह वाराणसी के दो दिनों के दौरे पर हैं। आज गृह मंत्री वाराणसी में ‘अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन’ में शामिल हुए। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

शाह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे गुजराती से ज्यादा हिंदी भाषा पसंद है। हमें अपनी राजभाषा को मजबूत करने की जरूरत है।’

अपने बच्चों से करें अपनी मातृभाषा में बात : अमित शाह ने वाराणसी में ‘अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए माता-पिता को सलाह देते हुए कहा कि अपने बच्चों से अपनी मातृभाषा में बात करें। शर्माने की कोई बात नहीं है, हमारी मातृभाषा हमारा गौरव है।

इसके साथ ही अमित शाह ने काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इस दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे।

इससे पहले अमित शाह ने पं. मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर कल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नमन किया था।

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