Owaisi Vs Rijiju Controversy: AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमान अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं बचे हैं, बल्कि वे बंधक बना दिए गए हैं।
उनका यह बयान रिजिजू की उस सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलती है।
ओवैसी बोले- आप मंत्री हैं, सम्राट नहीं
ओवैसी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि आप भारत के मंत्री हैं, कोई सम्राट नहीं।
सिंहासन पर नहीं बैठे हैं, संविधान के तहत पद पर बैठे हैं।
अल्पसंख्यकों को मिलने वाले अधिकार खैरात नहीं, हमारे मौलिक अधिकार हैं।
उन्होंने आगे सवाल उठाया कि हर दिन हमें पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहा जाता है। क्या यही सुविधाएं हैं?
According to Hon’ble Minister Against Minorities, if we don’t migrate it means we are happy. Actually, we are not in the habit of fleeing: we did not run away from the British, we did not run away during partition, and we did not run away because of Jammu, Nellie, Gujarat,… https://t.co/tli4jJNEfk
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 7, 2025
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने फिर दी सफाई
इसके जवाब में रिजिजू ने फिर लिखा- अगर भारत में अल्पसंख्यकों को सुविधाएं नहीं मिल रहीं, तो हमारे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं?
भारत के अल्पसंख्यक देश छोड़कर क्यों नहीं जाते? मोदी सरकार की योजनाएं सभी के लिए हैं, लेकिन अल्पसंख्यक मामलों की योजनाएं खास तौर पर अधिक लाभ देती हैं।
मुस्लिम छात्रवृत्तियों पर रोक, संवैधानिक अधिकारों की मांग
ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या किसी मुस्लिम को हिंदू ट्रस्ट बोर्ड (जैसे हिंदू एंडोमेंट बोर्ड) में नियुक्त किया जा सकता है?
नहीं। तो फिर वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति क्यों की जा रही है, वो भी बहुमत में?
ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप और प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप की फंडिंग रोक दी।
इसके साथ ही पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप भी सीमित कर दी गईं, क्योंकि इन योजनाओं से मुस्लिम छात्र लाभान्वित हो रहे थे।
ओवैसी ने लिखा कि वे पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों के अल्पसंख्यकों से तुलना नहीं चाहते। उन्हें बहुसंख्यकों से ज्यादा सुविधाएं भी नहीं चाहिएं।
वे सिर्फ वही मांग रहे हैं जो संविधान ने वादा किया था — सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय।
AIMIM नेता ने कहा कि भारतीय मुस्लिम समुदाय अब देश का एकमात्र ऐसा समुदाय बन गया है जिसके युवा पिछली पीढ़ियों से भी अधिक पिछड़े हुए हैं।
तरक्की की रफ्तार उलटी हो गई है। उन्होंने भारत की तुलना पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल जैसे देशों से करने को भी खारिज कर दिया।
वक्फ बिल को फाड़ा, संसद से वॉकआउट किया
3 अप्रैल 2024 को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हुआ।
“यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट” (UMMEED) नाम से पेश किए गए इस बिल को केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने पेश किया था।
12 घंटे चली चर्चा के बाद 288 सांसदों ने इसके पक्ष में और 232 ने विरोध में वोट डाले।
चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध दर्ज करते हुए बिल की कॉपी संसद में फाड़ दी थी।
ओवैसी ने कहा था कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है।
मैं गांधी की तरह इसका विरोध करता हूं। इसके बाद उन्होंने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
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