Minister Criminal Cases

Minister Criminal Cases

47% मिनिस्टर पर क्रिमिनल केस, 653 में से 174 मंत्रियों पर मर्डर-रेप जैसे गंभीर आरोप

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Minister Criminal Cases: चुनाव सुधार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की एक नई रिपोर्ट सामने आई है।

जिसके तहत देशभर के 47% यानी 302 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज है।

इनमें से बड़ी संख्या में हत्या, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप है।

यह जानकारी ADR ने 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों के शपथ पत्रों (एफिडेविट) का विश्लेषण किया।

ADR ने यह भी कहा कि जिन शपथ पत्रों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, वे 2020 से 2025 के बीच चुनावों के दौरान दाखिल हुए थे।

इसलिए इन क्रिमिनल केस की स्थिति बदल भी सकती है।

केंद्र सरकार में भी 40% मंत्री आरोपी

ADR रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर के कुल 643 मंत्रियों में से 302 (47%) ने खुद पर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है।

इनमें 174 मंत्री (27%) हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामलों में आरोपी हैं।

केवल केंद्र सरकार की बात करें तो यहां के 72 मंत्रियों में से 29 (40%) पर केस दर्ज हैं।

पार्टीवार मंत्री और उन पर केस

ADR ने पार्टीवार भी रिपोर्ट पेश की है, जिससे साफ पता चलता है कि लगभग हर बड़ी पार्टी के मंत्री आपराधिक मामलों में घिरे हुए हैं।

  • भाजपा – 336 मंत्रियों में से 136 (40%) आरोपी, 88 (26%) पर गंभीर केस।
  • कांग्रेस – 61 में से 45 (74%) आरोपी, 18 (30%) पर गंभीर केस।
  • डीएमके – 31 में से 27 (87%) आरोपी, 14 (45%) पर गंभीर केस।
  • टीएमसी – 40 में से 13 (33%) आरोपी, 8 (20%) पर गंभीर केस।
  • तेलुगु देशम पार्टी (TDP) – 23 में से 22 (96%) आरोपी, 13 (57%) पर गंभीर केस।
  • आम आदमी पार्टी (AAP) – 16 में से 11 (69%) आरोपी, 5 (31%) पर गंभीर केस।

स्पष्ट है कि TDP और DMK के मंत्रियों पर सबसे अधिक केस दर्ज हैं, जबकि भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों में भी बड़ी संख्या में मंत्री आरोपी हैं।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा अपराधी मंत्री

ADR की रिपोर्ट बताती है कि 11 राज्यों में 60% से ज्यादा मंत्री अपराधी पृष्ठभूमि वाले हैं।

इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी शामिल हैं।

इसके उलट हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड ऐसे राज्य हैं, जहां किसी मंत्री पर कोई केस दर्ज नहीं है।

मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा

आपराधिक मामलों के अलावा ADR ने संपत्ति का भी खुलासा किया। रिपोर्ट के मुताबिक, इन 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति 23,929 करोड़ रुपये है।

  • औसतन हर मंत्री के पास 37.21 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
  • 30 में से 11 विधानसभाओं में अरबपति मंत्री हैं।
  • सबसे ज्यादा अरबपति मंत्री कर्नाटक (8), आंध्र प्रदेश (6) और महाराष्ट्र (4) में हैं।
  • केंद्र सरकार में भी 6 मंत्री (8%) अरबपति हैं।

पार्टीवार अरबपति मंत्री:

  • भाजपा – 14 (4%)
  • कांग्रेस – 11 (18%)
  • TDP – 6 (26%)

इसके अलावा AAP, जनसेना, JDS, NCP और शिवसेना के भी कई मंत्री अरबपति हैं।

महिला सांसद और विधायक भी पीछे नहीं

ADR ने कुछ महीनों पहले महिला सांसदों और विधायकों पर भी रिपोर्ट जारी की थी। इसमें सामने आया कि देश की 512 महिला नेताओं में से 143 (28%) आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। इनमें से 78 (15%) पर गंभीर आरोप लगे हैं।

  • भाजपा – 217 महिला नेताओं में से 23% आरोपी, 11% गंभीर मामलों में।
  • कांग्रेस – 83 में से 34% आरोपी, 20% गंभीर मामलों में।
  • TDP – 20 में से 65% महिला विधायक आरोपी, 45% गंभीर मामलों में।
  • AAP – 13 में से 69% आरोपी, 31% गंभीर मामलों में।

महिला नेताओं की संपत्ति भी चौंकाने वाली है। कुल घोषित संपत्ति 10,417 करोड़ रुपये है। औसतन हर महिला सांसद/विधायक के पास 20.34 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इनमें से 17 महिला नेताओं ने खुद को अरबपति बताया है।

राजनीतिक सुधार की मांग

ADR की रिपोर्ट ने एक बार फिर भारतीय राजनीति की गंभीर सच्चाई उजागर की है। सवाल यह उठ रहा है कि जब मंत्रियों और विधायकों की इतनी बड़ी संख्या पर गंभीर आरोप हैं, तो लोकतंत्र और शासन पर इसका क्या असर पड़ता है?

हाल ही में केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव रखा था कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री अगर किसी गंभीर आपराधिक मामले में 30 दिन से ज्यादा जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। हालांकि यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है।

 

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