Bhopal 90 Degree Bridge: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बना ’90 डिग्री वाला ब्रिज’ अब रीडिजाइन होगा।
ऐशबाग इलाके में बना ये वही रेलवे ओवरब्रिज है, जिसकी चर्चा देशभर में हुई।
इसकी डिजाइन को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया और खूब मीम्स भी बने थे।
90 डिग्री के खतरनाक मोड़ वाले इस ब्रिज को 8वां अजूबा तक कह दिया गया।
जिसके बाद अब इस ब्रिज को फिर से डिजाइन किया जाएगा।
हालांकि यह ब्रिज टूटेगा नहीं इसकी सिर्फ टर्निंग सही की जाएगी, ताकि टकराकर वाहनों के गिरने का खतरा न रहे।
ब्रिज पर 30-35 किमी की स्पीड खतरनाक
भोपाल के ऐशबाग इलाके में बना रेलवे ओवरब्रिज की चर्चा कई दिनों से हो रही है।
इसकी वजह है ब्रिज की ऐसी डिजाइन, जिसमें 90 डिग्री का खतरनाक मोड़ दिया गया है।
इस ब्रिज की सबसे बड़ी समस्या इसकी टर्निंग है। एक सिरे पर यू-शेप मोड़ है, जबकि दूसरे सिरे पर लगभग सीधा 90 डिग्री का टर्न है।
ऐसे मोड़ पर तेज रफ्तार वाहन या तो ब्रिज की दीवार से टकरा सकते हैं या आपस में भिड़ सकते हैं।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHIA) ने अपनी रिपोर्ट में ब्रिज पर 30 से 35 किमी की स्पीड को खतरनाक बताया है।
PWD मंत्री राकेश सिंह ने कराई थी जांच
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने NHIA से इस ब्रिज की जांच करवाई थी।
जांच में सामने आया कि अगर कोई वाहन इस ब्रिज पर 35 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चला, तो उसके दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा है।
जिसके बाद ब्रिज को रीडिजाइन करने का फैसला लिया गया है।
रिपोर्ट के आधार लोक निर्माण विभाग और रेलवे मिलकर ब्रिज की टर्निंग को सही करेंगे, ताकि हादसों का खतरा न रहे।
लेकिन ब्रिज पूरी तरह तोड़ा नहीं जाएगा। इसके अलावा ब्रिज की डिजाइन तैयार करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
सोशल मीडिया पर बने थे खूब मीम्स
यह ब्रिज शुरू से ही लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।
इसकी डिजाइन को देखकर सोशल मीडिया पर लोग जमकर मजाक उड़ा रहे हैं।
कई लोग तो इसे कार रेसिंग ट्रैक जैसा बता रहे हैं।
कुछ ने इसे ऐसा मोड़ कहा है, जो केवल वीडियो गेम में ही देखने को मिलता है।
सोशल मीडिया पर मीम्स बनाने के अलावा कई लोगों ने सवाल भी उठाए कि आखिर यहां वाहन कैसे टर्न करेंगे?
वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।
क्रॉसिंग बंद होने से ब्रिज की जरूरत
ऐशबाग इलाके में पहले रेलवे क्रॉसिंग थी, जिसे बंद कर दिया गया था।
लोगों की सुविधा के लिए यहां ओवरब्रिज बनाना जरूरी हो गया था।
ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति की थी।
लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि और कोई विकल्प नहीं है।
ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है, इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा।
18 महीने में बनकर होना था तैयार
यह ब्रिज मई 2022 में बनना शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था।
इसकी लागत करीब 18 करोड़ रुपये है। ब्रिज की कुल लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है।
इसमें से 70 मीटर हिस्सा रेलवे ट्रैक के ऊपर है।
हालांकि आज तक यह पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो सका है।
फिलहाल, सोशल मीडिया पर ब्रिज का खूब मजाक उड़ने के बाद सरकार ने गंभीरता दिखाई है।
ब्रिज की डिजाइन बनाने वालों पर कार्रवाई की बात भी कही गई है।
हालांकि अधिकारी इस पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे।
उम्मीद है कि रीडिजाइन के बाद यह सुरक्षित और सुविधाजनक बन सकेगा।
You may also like
-
गुजरात ATS का बड़ा एक्शन: अलकायदा की महिला आतंकी शमा परवीन बेंगलुरु से अरेस्ट, सोशल मीडिया के जरिए युवाओं का करती थी ब्रेनवॉश
-
NGT ने खटलापुरा मंदिर विवाद को किया खारिज, हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए 60 दिन में जानकारी देने के दिए निर्देश
-
इंडियन आर्मी का ऑपरेशन शिवशक्ति: पुंछ में घुसपैठ कर रहे दो आतंकी ढेर, हथियार और गोला-बारूद बरामद
-
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान, आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि में की भारी वृद्धि
-
रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप: US-जापान समेत 12 देशों में सुनामी का अलर्ट जारी, कामचटका में आपातकाल की घोषणा!