Shazia Nisar-Adarsh Jha: टीवी एंकर शाजिया निसार और डिजिटल पत्रकार आदर्श झा को नोएडा पुलिस ने अरेस्ट किया है।
इन दोनों पर 65 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगे हैं।
यह गिरफ्तारी ‘भारत 24’ न्यूज़ चैनल और ‘अमर उजाला’ डिजिटल से जुड़े अधिकारियों की शिकायतों के आधार पर की गई।
जिनके अनुसार दोनों पत्रकार चैनल प्रबंधन को झूठे यौन शोषण के मामलों में फंसाने की धमकी देकर धन वसूलने की कोशिश कर रहे थे।
14 दिन की जेल, 34 लाख बरामद
गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपियों को 21 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
सुनवाई के दौरान शाजिया ने कोर्ट में जमकर हंगामा किया और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए।
वहीं अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में ऑडियो-वीडियो सबूत पेश किए, जिनमें आरोपियों द्वारा प्रबंधन से करोड़ों की रंगदारी मांगने की पुष्टि होती है।
गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने शाजिया के घर पर छापा मारा, जहां से 34 लाख 50 हजार रुपये नकद बरामद हुए।
पुलिस का दावा है कि यह रकम ब्लैकमेलिंग से वसूली गई रंगदारी का हिस्सा है।
तीन एफआईआर में गंभीर आरोप
भारत 24 प्रबंधन की ओर से अब तक तीन अलग-अलग FIR दर्ज कराई गई हैं:
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चैनल के MD और ग्रुप एडिटर द्वारा
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कंसल्टिंग एडिटर अनिता हाडा द्वारा
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HR हेड अनु श्रीधर द्वारा
इन सभी FIR में धमकी, अपमानजनक भाषा, अवांछित मांगें और झूठे आरोपों से ब्लैकमेल करने के गंभीर आरोप शामिल हैं।
पुरानी जान-पहचान, साजिश की शुरुआत
शाजिया और आदर्श झा की जान-पहचान लगभग 8 साल पुरानी बताई जा रही है।
आदर्श झा ने ही एक समय शाजिया को ‘जी सलाम’ चैनल में नौकरी दिलाने में मदद की थी।
नवंबर 2022 में शाजिया ने ‘भारत 24’ दोबारा जॉइन किया लेकिन चैनल में HR और एडिटोरियल विभाग से लगातार उसकी तनातनी बनी रही।
मार्च 2023 से सितंबर 2023 तक वह गायब रही और इसके बाद प्रबंधन को झूठे यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसाने की धमकियां देकर ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हुआ।
मांग की रकम बढ़ती गई, रिकॉर्डिंग में खुलासा
शुरुआत में शाजिया ने 5 करोड़ रुपये की मांग की, जो बाद में बढ़ते-बढ़ते 65 करोड़ तक पहुंच गई।
पुलिस के पास मौजूद रिकॉर्डिंग्स में इन मांगों के स्पष्ट प्रमाण हैं।
दोनों आरोपी डॉ. जगदीश चंद्रा (भारत 24 के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) से जयपुर में मिलने भी गए थे और वहां धमकियां दीं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है।
अन्य पत्रकार पर भी शक के घेरे में
नोएडा पुलिस अब इस मामले में एक बड़े ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट की संभावना से इनकार नहीं कर रही है।
जांचकर्ता यह पता लगाने में जुटे हैं कि कहीं कुछ अन्य पत्रकार या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी इस रैकेट का हिस्सा तो नहीं हैं।
यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इस ब्लैकमेलिंग के लिए कोई संगठित गिरोह तो काम नहीं कर रहा।
इस मामले में भारत 24 प्रबंधन ने कहा है कि संस्था ने इन्हें अवसर, पहचान और सम्मान दिया था।
उन्हीं के खिलाफ साजिश रचकर न केवल संस्थान की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, बल्कि पत्रकारिता के मूल्यों को भी कलंकित किया गया है।
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