पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि-बीजेपी 25 करोड़ में कांग्रेस विधायकों को खरीदने में लगी है, शिवराज सीएम और नरोत्तम डिप्टी सीएम बनने को रच रहे साजिश
भोपाल। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह यदि दो शब्द कहें तो समझिये पूरी चिट्ठी है। दिग्विजय जब भी जो भी कहते हैं, उसके पीछे ठोस कारण होता है। राजनीति के इस घाघ खिलाडी के पास जब तक पूरी पटकथा न हो, वे उस कहानी का शीर्षक भी नहीं बोलते। दिग्विजय ने बीजेपी पर मध्यप्रदेश सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया। है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा विधायकों को लालच दे रही है।
दिग्विजय ने दिल्ली में सोमवार को कहा कि भाजपा, शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस के विधायकों को 25 से 35 करोड़ तक का ऑफर दे रहे हैं। यह कर्नाटक नहीं, मध्य प्रदेश है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक बिकाऊ नहीं हैं। दिगिवजय ऐसा कह रहे हैं इसके मायने ये समझे जायें कि कमलनाथ सरकार गिरने वाली है।
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से कमलनाथ ने दिग्विजय के शैडो से खुद को बाहर कर लिया है। खुद दिग्विजय के करीबी मानते हैं कि दिग्विजय की भूमिका प्रदेश में कोई खास रह नहीं गई है।पलटवार करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झूठ बोलना दिग्विजय की पुरानी आदत है।
दिग्विजय ने अपने बात को दम देते हुए ये भी कहा- मैं बिना तथ्यों के आरोप नहीं लगाता। शिवराज और नरोत्तम में सहमति बन गई है। एक मुख्यमंत्री और दूसरा उप मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। शिवराज और नरोत्तम कांग्रेस विधायकों को फोन कर रहे हैं और खुलेआम 25 से 35 करोड़ रुपए की पेशकश कर रहे हैं। 5 करोड़ अभी ले लो, दूसरी किश्त राज्यसभा चुनाव में और तीसरी किश्त सरकार गिरानेके बाद दी जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जनवरी 2019 में भी भाजपा नेताओं पर कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। तब उन्होंने कहा था- भाजपा नेताओं द्वारा विधायकों को 100 -100 करोड़ के ऑफर दिए गए हैं, मेरे पास इसके सबूत हैं। इस पर भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि दिग्विजय आरोप लगाने से पहले सोचें कि 100 करोड़ की राशि होती कितनी है।
दिग्विजय झूठ फैलाने में माहिर : शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ को ब्लैकमेल करना चाहते हैं। दिग्विजय झूठ फैलाने में माहिर हैं। उन्हें अपनी उपयोगिता दिखानी होगी और किसी को डराना-धमकाना होगा, इसलिए ऐसा बयान दे रहे हैं।
कर्नाटक में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद गिरी थी सरकार
कर्नाटक में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडीएस की 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई थी। गठबंधन ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी।