PM Modi Sri Lanka Visit

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मोदी और दिसानायके के बीच पहली बार डिफेंस डील, द्विपक्षीय वार्ता में तमिल अधिकार और मछुआरों की रिहाई पर चर्चा

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PM Modi Sri Lanka Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीलंका दौरे की शुरुआत ऐतिहासिक और भव्य स्वागत के साथ हुई।

कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और तोपों की सलामी दी गई।

यह पहली बार है जब श्रीलंका ने किसी विदेशी नेता का इस ऐतिहासिक स्थल पर इतना भव्य स्वागत किया है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें मित्र विभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया, इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।

गार्ड ऑफ ऑनर, तोपों की सलामी और मित्र विभूषण अवॉर्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन श्रीलंका दौरे पर है। 5 मार्च शनिवार को श्रीलंका में पीएम मोदी के दौरे की शुरुआत ऐतिहासिक और भव्य स्वागत के साथ हुई।

सबसे पहले PM मोदी को इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, इस दौरान उन्हें तोपों की सलामी भी दी गई।

अधिकारियों के मुताबिक यह पहली बार है, जब श्रीलंका ने किसी मेहमान नेता का इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर ऐसा भव्य स्वागत किया है।

आमतौर पर यह सम्मान श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन या भंडारनायके मेमोरियल इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस हॉल में दिया जाता है।

इसके बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मित्र विभूषण अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। 

मित्र भूषण अवॉर्ड श्रीलंका का गैर-नागरिकों के लिए सर्वोच्च सम्मान है।

इससे पहले फिलिस्तीन के नेता महबूब अब्बास और यासर अराफात को यह सम्मान मिल चुका है।

मछुआरों की रिहाई की मांग, तमिलों को पूरा अधिकार

श्रीलंका में अपने भव्य स्वागत पर पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।

यह भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।

PM मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा की और कहा कि यह मछुआरों की आजीविका का मुद्दा है।

हमने मछुआरों को तुरंत रिहा करने और उनकी नावों को छोड़ने पर बात की है।

हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में इंसानियत के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

वहीं तमिल मुद्दे पर मोदी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि श्रीलंका सरकार तमिलों की उम्मीदों को पूरा करेगी और श्रीलंका के संविधान के तहत मिले पूरे अधिकारों को लागू करेगी

बता दें 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के तहत श्रीलंका ने अपने तमिल नागरिकों को संविधान के 13वें संशोधन के तहत अधिकार देने का वादा किया था, जो अब तक पूरी तरह लागू नहीं हुआ है।

भारत-श्रीलंका के बीच बढ़ता रणनीतिक सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी का यह श्रीलंका का तीसरा दौरा है, इससे पहले वह 2015 और 2019 में भी श्रीलंका जा चुके हैं

इस बार यह दौरा इसलिए खास है क्योंकि इसमें सिर्फ सांस्कृतिक या कूटनीतिक रिश्तों की बात नहीं हो रही, बल्कि रणनीतिक, रक्षा और आर्थिक सहयोग पर ठोस निर्णय लिए जा रहे हैं।

द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सहित उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल रहा।

इस बैठक के दौरान समुद्री सुरक्षा, डिफेंस डील, ऊर्जा परियोजनाएं और तमिल अधिकारों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

भारत, UAE और श्रीलंका के बीच त्रिपक्षीय समझौता

एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके की मौजूदगी में भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और श्रीलंका के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

यह समझौता खासतौर पर ऊर्जा, समुद्री व्यापार और क्षेत्रीय सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

सौमपुरा सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन

इस दौरे के दौरान श्रीलंका के त्रिंकोमाली जिले में स्थित सौमपुरा सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन भी हुआ।

यह प्रोजेक्ट भारत की NTPC और श्रीलंका की सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) के संयुक्त प्रयास से विकसित किया जा रहा है।

120 मेगावाट की इस परियोजना के दो चरण हैं—50 MW और 70 MW

इसका उद्देश्य श्रीलंका की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना है।

गौरतलब है कि यह परियोजना पहले विवादित रही है, क्योंकि यह इलाका कभी LTTE के कब्जे में था और तमिल समुदाय ने यहां कोयला आधारित परियोजना का विरोध किया था।

अब इसी जमीन पर सौर ऊर्जा परियोजना शुरू होना, भारत-श्रीलंका के बीच भरोसे का प्रतीक माना जा रहा है।

भारत-श्रीलंका डिफेंस डील पर पहली बार हस्ताक्षर

इस दौरे की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, मोदी और दिसानायके का पहली बार रक्षा समझौता (डिफेंस डील) पर हस्ताक्षर करना है।

इस समझौते के तहत दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास,  रक्षा उपकरण और तकनीक साझा करने, प्रशिक्षण, खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और समुद्री निगरानी में सहयोग करेंगे।

यह डील खास तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की भारत की रणनीतिक योजना का हिस्सा है।

श्रीलंका के विदेश मंत्री के अनुसार इस डील की रूपरेखा दिसंबर 2024 में ही तैयार की जा चुकी थी, जब राष्ट्रपति दिसानायके भारत दौरे पर आए थे।

कर्ज में राहत की उम्मीद, धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव

भारत ने पिछले वर्षों में श्रीलंका को करीब 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन और सहायता दी है।

अब श्रीलंका चाहता है कि भारत लोन की ब्याज दरें कम करे, अवधि बढ़ाए या कुछ हिस्से को माफ कर दे, इस विषय पर भी दोनों नेताओं के बीच गंभीर चर्चा हुई है।

इसके अलावा बिजली और रेलवे से जुड़ी कई नई परियोजनाएं भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के अनुराधापुरा जाकर महाबोधि मंदिर में दर्शन करने की भी संभावना है।

यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है।

यहां स्थित बोधि वृक्ष को उसी वृक्ष की शाखा माना जाता है जिसके नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

बहरहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं बल्कि भारत और श्रीलंका के रिश्तों को नई ऊर्जा, नई दिशा और नया आयाम देने वाला कदम है।

रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, संस्कृति और मानवाधिकारों के स्तर पर यह दौरा दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है।

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