MP Meat Shops Closed In: मध्य प्रदेश के दो शहरों में धार्मिक त्योहारों के मद्देनजर चार दिनों के लिए मांस और मटन की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
इंदौर और भोपाल शहर में यह आदेश किया गया है, दोनों शहरों के नगर निगम का कहना है कि यह आदेश सभी दुकानदारों पर लागू होगा और इसका पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इन 4 दिनों में बंद रहेंगी मांस की दुकानें
- 30 मार्च 2025: गुड़ी पड़वा/चैती चांद
- 6 अप्रैल 2025: राम नवमी
- 10 अप्रैल 2025: महावीर जयंती
- 12 मई 2025: बुद्ध जयंती
इंदौर महापौर बोले- निर्देश नहीं माने तो होगी सख्त कार्रवाई
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 4 दिन मांस-मटन की दुकानें बंद रखने का आदेश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इन 4 दिनों में कोई भी दुकानदार मांस विक्रय नहीं कर सकेगा। यदि किसी दुकान को खुला पाया गया या मांस बेचते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ नगर निगम द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस आदेश का उल्लंघन करने पर दुकानदारों पर जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार नियम तोड़ने पर लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है। महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम की टीम बाजारों में निरीक्षण करेगी और आदेश के पालन को सुनिश्चित करेगी।
भोपाल नगर निगम ने भी जारी किया आदेश
भोपाल नगर निगम ने भी एक समान आदेश जारी करते हुए आगामी धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों पर मांस विक्रय को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई दुकान इन तिथियों में खुली पाई जाती है, तो उस दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा और दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
नगर निगम ने दुकानदारों और नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इन आदेशों का पालन करें और धार्मिक सौहार्द बनाए रखें। निगम प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय सभी समुदायों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रशासन ने बाजारों में विशेष निगरानी रखने की व्यवस्था भी की है ताकि आदेशों का उल्लंघन न हो।
नवरात्र में मीट की दुकानें बंद रखने की मांग
नवरात्र के दौरान भोपाल में भी संस्कृति बचाओ मंच ने मीट दुकानें बंद रखने की मांग की गई है। संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि भोपाल में कई मंदिरों के आसपास मांस की दुकानें स्थित हैं, इस कारण उपवास में श्रद्धालुओं के मन में अशुद्धता का भाव उत्पन्न होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से यह मांग की है कि नवरात्रि के पूरे नौ दिनों के दौरान मांस विक्रय को पूरी तरह बंद किया जाए।
इसके अलावा महाष्टमी और नवमी के दिन शराब की बिक्री पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। संगठन का कहना है कि इन दिनों में श्रद्धालु व्रत रखते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, ऐसे में शराब की बिक्री धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।
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