Rahul Gandhi on RSS: दिल्ली में इंडिया गठबंधन के छात्र संगठनों ने देशभर में बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने नई शिक्षा नीति (NEP) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नए प्रस्तावों और छात्र संघों की बहाली की मांग भी की। वहीं इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा।
किसी को रोजगार नहीं मिलेगा और देश बर्बाद हो जाएगा
देश में बढ़ती बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था में बदलावों को लेकर विपक्षी दल और छात्र संगठन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार को हुए इस प्रदर्शन में कई छात्र संगठनों ने हिस्सा लिया, जिनमें नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF), मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (MSF), समाजवादी छात्र सभा और छात्र राष्ट्रीय जनता दल (CRJD) शामिल थे।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश में सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार का है और सरकार इस पर चुप्पी साधेस बैठी है। RSS पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि एक संगठन हिंदुस्तान के भविष्य को और एजुकेशन सिस्टम को खत्म करने में लगा है। उसका नाम RSS है और हमारा शिक्षा का सिस्टम धीरे-धीरे उनके हाथों में जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय में युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा और देश बर्बाद हो जाएगा। राहुल गांधी ने साफ कहा कि वे शिक्षा प्रणाली पर हो रहे इस हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे, उन्होंने छात्रों से एकजुट होकर इस लड़ाई को पूरे देश में फैलाने की अपील की।
जंतर-मंतर पर राहुल गांधी के प्रमुख बयान
प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी ने सरकार और RSS पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपने भाषण में चार प्रमुख बातें कहीं:
- शिक्षा व्यवस्था पर नियंत्रण: राहुल गांधी ने कहा कि देश की सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर RSS के इशारे पर नियुक्त किए जा रहे हैं। आने वाले समय में सभी प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों का नियंत्रण RSS के पास होगा, जो देश के लिए खतरनाक है।
- प्रधानमंत्री बेरोजगारी पर चुप: राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वे बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दे पर बात नहीं करते। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल धार्मिक आयोजनों की चर्चा करती है, लेकिन युवाओं के भविष्य को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाती।
- पूंजीपतियों को फायदा: राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री केवल बड़े उद्योगपतियों, जैसे अडानी और अंबानी, को फायदा पहुंचाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार RSS को देश के सभी संस्थानों पर कब्जा करने दे रही है, जिससे लोकतंत्र और शिक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है।
- देशभर में विरोध जारी रखने की अपील: राहुल गांधी ने छात्रों से कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए हर गली, मोहल्ले और यूनिवर्सिटी में आंदोलन करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे हर जगह छात्रों के साथ खड़े रहेंगे और BJP-RSS की नीतियों का विरोध करते रहेंगे।
DMK ने UGC के खिलाफ किया था प्रदर्शन
इससे पहले 6 फरवरी को जंतर मंतर पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने भी UGC के नए नियमों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उस प्रदर्शन में भी राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे। कांग्रेस ने उस समय UGC के नियमों को तानाशाही और संविधान विरोधी करार देते हुए कहा था कि भाजपा सरकार देशभर में RSS का एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रही है।
UGC के नए प्रस्तावित नियमों का कई गैर-भाजपा शासित राज्यों ने विरोध किया है। कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल और तमिलनाडु की सरकारों ने इस मसौदे को अस्वीकार करने की मांग की है। इन राज्यों का कहना है कि यह नियम संघीय ढांचे के खिलाफ हैं और राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का प्रयास है।
UGC ने 6 जनवरी को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुलपति, शिक्षक और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति को लेकर एक नया ड्राफ्ट जारी किया था। इस ड्राफ्ट के अनुसार, राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी जाएंगी। आमतौर पर राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होते हैं, जिससे राज्य सरकारों को अपनी यूनिवर्सिटी प्रशासन में हस्तक्षेप करने का अवसर कम मिल पाएगा। विपक्षी पार्टियां इस नियम को राज्यों के अधिकारों पर हमला मान रही हैं और इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बता रही हैं।
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