Most Polluted Cities: दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों की लिस्ट में से 13 नाम भारत से हैं। स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी IQAir की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार मेघालय राज्य का बर्नीहाट दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में पहले स्थान पर बनी हुई है।
13 भारतीय शहर टॉप 20 में शामिल
- बर्नीहाट (मेघालय)
- दिल्ली (दिल्ली)
- मुल्लांपुर (पंजाब)
- फरीदाबाद (हरियाणा)
- लोनी (उत्तर प्रदेश)
- नई दिल्ली (दिल्ली)
- गुरुग्राम (हरियाणा)
- श्रीगंगानगर (राजस्थान)
- ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)
- भिवाड़ी (राजस्थान)
- मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
- हनुमानगढ़ (राजस्थान)
- नोएडा (उत्तर प्रदेश)
ओशिनिया सबसे स्वच्छ क्षेत्र, भारत दो पायदान नीचे
ओशिनिया साल 2024 में दुनिया का सबसे स्वच्छ क्षेत्र रहा, यहां के 57% शहर WHO के दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं। UN के मुताबिक ओशिनिया में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, पापुआ न्यू गिनी, नौरू, किरिबाती और मार्शल आइलैंड्स जैसे 14 देश शामिल हैं।
साल 2024 में भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में पांचवें स्थान पर आ गया है, जबकि 2023 में भारत तीसरे स्थान पर था। यह इस बात का संकेत है कि देश में प्रदूषण के स्तर में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में भारत में PM2.5 का औसत स्तर 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो 2023 में 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। हालांकि, यह अब भी WHO द्वारा निर्धारित सीमा से 10 गुना अधिक है।
दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण
दिल्ली अब भी दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। साल 2024 में दिल्ली में PM2.5 का सालाना औसत 91.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो 2023 के 92.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के लगभग बराबर है। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।
बता दें PM2.5 हवा में मौजूद 2.5 माइक्रॉन से छोटे सूक्ष्म प्रदूषण कणों को कहते हैं। ये कण फेफड़े और ब्लड में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ, दिल की बीमारी और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है। इसका मुख्य स्रोत में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, इंडस्ट्रियल एमिशन, लकड़ी और फसलों के खरपतवार का जलना शामिल है।
प्रदूषण के कारण खतरे में लोगों की जिंदगी
दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत में हैं। दिल्ली में लगातार प्रदूषण का लेवल हाई दर्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रदूषण के कारण लोगों की औसत उम्र लगभग 5.2 साल कम हो रही है। वर्ष 2009 से 2019 के बीच हर साल लगभग 15 लाख लोगों की मौतें PM2.5 के उच्च स्तर के कारण हुईं।
वायु प्रदूषण के गंभीर प्रभावों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार को प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। वाहन प्रदूषण, उद्योगों से निकलने वाले धुएं और फसल अवशेष जलाने पर सख्ती से रोक लगानी होगी। इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और हरित ऊर्जा को अपनाने की दिशा में काम करना होगा। यदि अब भी ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रदूषण के चलते भारत के लाखों लोगों की जान खतरे में बनी रहेगी।
You may also like
-
संभल जामा मस्जिद की बाहरी दीवारों पर रंगाई-पुताई को कोर्ट ने दी अनुमति
-
पंजाब के गेहूं से महाराष्ट्र के लोग हुए गंजे
-
भारतीय कुश्ती महासंघ की कमान बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के हाथ
-
MP Budget 2025: 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपये का बजट, युवाओं-महिलाओं और किसानों को मिली ये सौगातें
-
लाउडस्पीकर से अजान का मामला- इमाम पर केस दर्ज