ये नेता पढ़ेंगे मुख्यमंत्री के नाम की पर्ची

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दिल्ली। दिल्ली भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए पार्टी ने रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। यानि ये दोनों मुख्यमंत्री के नाम की पर्ची पढ़ेंगे। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की घोषणा बुधवार शाम तक हो जाएगी। इसके लिए आज शाम 7 बजे से विधायक दल की बैठक शुरू हो जाएगी। इसमें कैबिनेट मंत्रियों के नाम की घोषणा भी ही सकती है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने इस बात की जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। इसमें लिखा है “भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड ने दिल्ली प्रदेश में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव हेतु रविशंकर प्रसाद, सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री और ओम प्रकाश धनखड़, राष्ट्रीय सचिव, भाजपा को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।”

दिल्ली में शाम सात बजे भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर फैसला किया जा सकता है। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है। विधायक दल की बैठक संपन्न होने के बाद जिसे मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपे जाने का फैसला किया जाएगा, वह शपथ लेगा।

पार्टी महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुघ 20 फ़रवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। अभी तक की जो स्थिति है उसमें कहा जा सकता है बैंड, बाजा और बारात तैयार बस दूल्हा कौन है ये तय नहीं।

शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम केंद्रीय मंत्री, भाजपा और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल होंगे। इसके अलावा उद्योगपति, फिल्म स्टार, क्रिकेट खिलाड़ी, साधु-संत और राजनयिक भी आएंगे। दिल्ली के 12 से 16 हजार लोगों को भी बुलाया गया है।

भाजपा अपने मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हमेशा चौंकाती आई है। पार्टी सभी राजनीतिक कयासों को किनारे करते हुए संगठन के पुराने चेहरों को प्रदेश की कमान सौंपती है। इसके बावजूद 6 विधायकों के नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने 15 विधायकों के नाम निकाले हैं। उनमें से 9 नाम चयनित हुए हैं। इन्हीं 9 नामों में सीएम, कैबिनेट मंत्री और स्पीकर के नाम तय किए जाएंगे।

दिल्ली मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 7 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में चर्चा है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों से एक-एक भाजपा विधायक को चुना जा सकता है। बिहार और पंजाब चुनाव के अलावा जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इन्हें चुना जाएगा।

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