रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे अन्ना, बोले इस बार जुबानी आश्वासन पर नहीं तोडूंगा
दिल्ली. दिल्ली का रामलीला मैदान एक बार फिर इतिहास की तरफ मूड रहा है. समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अनशन शुरू कर दिया हैं. मजबूत लोकपाल और किसानों के मुद्दे पर मांग को लेकर अन्ना ने अनिश्चिककालीन भूख हड़ताल शुरू की है. अन्ना ने कहा कि उन्होंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा लेकिन सरकार ने मेरी नहीं सुनी. अंत में मजबूरन मुझे अनशन पर बैठना पड़ा.पिछले बार आशवाशन पर अनशन तोड़ने वाले अन्ना इस बार आसानी से मानने के मूड में नहीं है. बीजेपी सरकार के लिए अन्ना एक मुश्किल पैदा कर सकते हैं.
अन्ना ने सरकार को अपने इरादों के बारे में संकेत देते हुए कहा कि जब तक शरीर में प्राण है बात करेंगे. 80 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से मरने की बजाय समाज की भलाई के मृत्यु हो वो ज्यादा अच्छा है.
अन्ना हजारे का यह 17वां अनशन है. मुख्य मंच पर अन्ना के साथ सिर्फ दो अन्य लोग बैठे हैं. कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े और पूर्व जस्टिस प्रीतम पाल अन्ना के साथ मंच पर मौजू हैं. रामलीला मैदान में लगभग 4 हजार लोग इस अनशन में अन्ना के साथ शामिल हैं. अनशन में शामिल लोगों में ज्यादातर किसान हैं.
हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं.
अनशन से पहले अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को लेकर आ रही ट्रेन को सरकार ने रद्द कर दिया है. आप उन्हें हिंसा की तरफ ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने कई पत्र लिखकर कहा था कि मुझे पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए. आपकी सुरक्षा मेरी रक्षा नहीं कर सकती है. सरकार को ऐसा धूर्त रवैया नहीं अपनाना चाहिए.
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