#politicswala Report
दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी सरकार शराब नीति में घिरती जा रही है। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अब नया मोड़ आया है। बीआरएस नेता के.कविता की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद ED ने एक बयान जारी किया है । एजेंसी ने दावा किया है कि के.कविता ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के निर्माण और लागू करने में लाभ पाने के लिएआप के सीनियर लीडर्स के साथ साजिश रची।
एजेंसी का दावा है कि इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
18 मार्च को कविता ने अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चैलेंज किया है। फिलहाल, उन्हें 23 मार्च तक की रिमांड में भेज दिया गया है।
इसके जवाब में आप ने दावा किया है कि ED,भाजपा की राजनीतिक शाखा की तरह काम कर रही है। अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोप सरासर गलत हैं।
दावा- अहसान के बदले 100 करोड़ का भुगतान
ED का दावा है कि के.कविता को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी बनाने और लागू करने में आप नेताओं की मदद मिली। इस अहसान के बदले उन्हें 100 करोड़ रुपए का भुगतान के.कविता ने किया है। एजेंसी का कहना है कि मामले की जांच के दौरान इन बातों का पता चला है।
जांच एजेंसी का कहना है कि शराब के होलसेलर्स के जरिए आम आदमी पार्टी के लिए रिश्वत ली गई थी। इसके अलावा कविता और उसके सहयोगियों को आप को अग्रिम भुगतान की गई राशि की वसूली करनी थी। उन्हें प्रॉफिट कमाना था।
दावा है कि 23 मार्च तक सात दिन की रिमांड में के.कविता से इस मामले में पूछताछ की जाएगी। इस मामले में ED ने अब तक दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और अन्य स्थानों सहित देश भर में 245 स्थानों पर रेड मारी है।
मामले में अब तकमनीष सिसौदिया, संजय सिंह और विजय नायर समेत कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एजेंसी अब तक 5 सप्लिमेंट्री कंप्लेंट और एक प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल कर चुकी है।
साथ ही अपराध से प्राप्त आय में से अब तक 128.79 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता लगाया गया है। इसे 24 जनवरी 2023 और 3 जुलाई 2023 के वाइड प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के जरिए से अटैच किया गया है।
वहीं, के.कविता ने अपनी गिरफ्तारी को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि ED की कार्रवाई को रद्द किया जाए, क्योंकि यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने कहा है कि ED का यह एक्शन अवैध, असंवैधानिक और मनमाना है। साथ ही एजेंसी के SC में कही अपनी बात के विपरीत है। विशेष रूप से एक महिला के लिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2022 धारा 19 के प्रावधानों का भी उल्लंघन है।