Jaisalmer Bus Fire: राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार दोपहर हुआ भीषण बस अग्निकांड पूरे राज्य को झकझोर गया।
एसी स्लीपर बस में आग लगने से 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं।
हादसे के करीब 24 घंटे बाद पहली बार इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मृतक पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई चंदन सिंह चौहान ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर के सदर थाने में मामला दर्ज कराया है।
बुधवार सुबह इस दर्दनाक हादसे में घायल 10 वर्षीय यूनुस ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
महात्मा गांधी हॉस्पिटल, जोधपुर के अनुसार अब भी चार मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया चल रही है। कई शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि पहचान मुश्किल हो रही है।
प्रशासन ने परिजनों के डीएनए सैंपल लेकर मिलान की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि शव सही परिजनों को सौंपे जा सकें।
पहली एफआईआर 24 घंटे बाद दर्ज
इस भीषण अग्निकांड ने पूरे राजस्थान को गमगीन कर दिया है।
जैसलमेर और जोधपुर में लोगों ने मृतकों के लिए मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी।
सोशल मीडिया पर लोगों ने हादसे पर दुख जताते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हादसे के बाद प्रशासन पर यह सवाल भी उठ रहा है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद पुलिस ने केस दर्ज करने में देरी क्यों की।
बुधवार दोपहर हादसे के लगभग 24 घंटे बाद पहली एफआईआर दर्ज हुई।
पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई चंदन सिंह चौहान ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
एसएचओ सुरजाराम ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
🚨 Terribly tragic!
20 people burnt alive after AC sleeper bus caught fire on Jaisalmer–Jodhpur Highway
Suspected short circuit in AC unit. Gas & diesel fueled the blaze
Only one exit, no safety tools. Passengers were trapped, struggled to escape as the only exit was locked… pic.twitter.com/sDHoLK67ro
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) October 15, 2025
घटनास्थल पर क्या हुआ था?
जैसलमेर पुलिस के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे निजी स्लीपर बस जैसलमेर से जोधपुर के लिए रवाना हुई थी।
बस में करीब 57 यात्री सवार थे। कुछ किलोमीटर आगे बढ़ने के बाद बस के पिछले हिस्से से धुआं उठने लगा।
ड्राइवर ने बस रोकने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में पूरी बस आग के गोले में बदल गई।
स्थानीय लोग, राहगीर और पास के आर्मी कैंप के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।
कई यात्रियों को खिड़कियां तोड़कर बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक आग बस को पूरी तरह अपनी चपेट में ले चुकी थी।
19 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
बुधवार को एक और बच्चे की मौत से संख्या 21 तक पहुंच गई।
डीएनए टेस्ट से होगी पहचान
जोधपुर और जैसलमेर के अस्पतालों में शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं।
महात्मा गांधी हॉस्पिटल में जगह की कमी के कारण 10 शवों को एम्स की मॉर्च्युरी में शिफ्ट किया गया है।
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि वेरिफिकेशन में समय लग रहा है ताकि किसी भी तरह की गलती न हो।
अगले 24 घंटे में शवों की पहचान पूरी कर परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
पीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने भी शोक जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
Distressed by the loss of lives due to a mishap in Jaisalmer, Rajasthan. My thoughts are with the affected people and their families during this difficult time. Praying for the speedy recovery of the injured.
An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of…
— PMO India (@PMOIndia) October 14, 2025
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा घटना की जानकारी मिलते ही जोधपुर पहुंचे।
उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, यह बेहद दर्दनाक हादसा है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। घायलों को हर संभव सहायता और इलाज दिया जाएगा।
हादसा लापरवाही की वजह से हुआ
राज्य के मंत्री मदन दिलावर ने भी अस्पताल का दौरा किया और कहा कि यह हादसा किसी न किसी लापरवाही की वजह से हुआ है।
उन्होंने कहा, मैं इससे इंकार नहीं कर रहा हूं कि चूक हुई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि बस के पीछे से धमाके की आवाज आई थी। हमें लगा कि एसी का कम्प्रेशर फटा है।
गैस और डीजल के मिश्रण से आग इतनी भयंकर लगी कि बस में बैठे लोग निकल ही नहीं सके।
एक ही दरवाजा था, जिससे आगे की सीटों पर बैठे कुछ लोग तो बच निकले, लेकिन पीछे बैठे लोग जलकर खाक हो गए।
क्या पटाखों की वजह से हुआ हादसा?
हादसे के कारणों को लेकर अब तक कई तरह के दावे सामने आए हैं।
शुरुआत में कहा गया कि बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी।
बाद में बताया गया कि एसी के कम्प्रेशर पाइप फटने से आग भड़की।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि बस की डिग्गी में पटाखों के बक्से रखे गए थे, जिनमें विस्फोट से आग तेजी से फैल गई। पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और इसकी जांच की जाएगी कि आग कैसे लगी।
वहीं राजस्थान सरकार ने भी जांच दल गठित किया है जो हादसे के तकनीकी और मानवीय पहलुओं की जांच करेगा।
बहरहाल, जैसलमेर बस अग्निकांड न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बन गया है।
बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि स्लीपर बसों में सुरक्षा मानकों का पालन किस हद तक किया जाता है।
यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर बस ऑपरेटरों की लापरवाही इस त्रासदी का मुख्य कारण साबित हो रही है।
फिलहाल जांच एजेंसियां काम में जुटी हैं और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो पाएगा कि आग का असली कारण क्या था — शॉर्ट सर्किट, एसी कम्प्रेशर या बस में रखे पटाखों का धमाका।
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