Sadhvi Ritambhara

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‘नंगे होकर पैसे कमाओगे’, अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंदजी महाराज के बाद साध्वी ऋतंभरा का भड़काऊ बयान वायरल

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Sadhvi Ritambhara: हाल ही में कई धार्मिक कथावाचकों और संतों द्वारा महिलाओं को लेकर दिए गए बयानों ने देशभर में बहस छेड़ दी है।

अब इस कड़ी में साध्वी ऋतंभरा का नाम भी जुड़ गया है।

एक वायरल वीडियो में वह इंस्टाग्राम रील बनाने वाली लड़कियों को लेकर बेहद तीखी टिप्पणी करती नजर आ रही हैं।

उन्होंने न केवल उनके पहनावे और डांस को अश्लील बताया, बल्कि यह भी कहा कि ऐसे कृत्य “गंदी कमाई” की श्रेणी में आते हैं जिससे “पितृलोक में पितर भी तड़पने लगते हैं।”

साध्वी के वायरल वीडियो ने मचाया बवाल

साध्वी ऋतंभरा की यह क्लिप कथित रूप से एक धार्मिक प्रवचन कार्यक्रम की है और 21 मार्च को उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की गई थी।

19 सेकंड के इस वीडियो में वह कहती हैं—

“हिंदू स्त्रियां… हे भगवान! ये देखकर शर्म आती है। पैसा कमाओगे तुम? नग्न होकर पैसा कमाओगे? गंदे ठुमके लगाकर और गंदे गाने गाकर पैसा कमाओगे? मुझे समझ नहीं आता कि उनके पतियों को ये स्वीकार कैसे है? उनके पिताओं को ये स्वीकार कैसे है?”

वीडियो वायरल होते ही साध्वी ऋतंभरा ट्रेंड में आ गईं और उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं।

कुछ लोगों ने उन्हें समर्थन दिया, वहीं कई लोगों ने इसे महिलाओं की स्वतंत्रता पर हमला बताया।

महिलाओं को दी ‘मर्यादा’ में रहने की नसीहत

साध्वी ऋतंभरा ने अपने प्रवचन में आगे कहा—

“घर के भीतर गंदी कमाई आती है तो पितृलोक में पितर भी तड़पने लगते हैं। मर्यादित जीवन होना चाहिए भारत की देवियों… बुरा मत मानना… तुम चाहो तो कर सकती हो। तुम तो राक्षसों के घर में देवताओं को जन्म देती हो। तुमने दिया भी है… तुमने कयाधु बनकर हिरण्यकश्यप के घर में प्रह्लाद को जन्म दिया। अगर तुम न चाहो तो विश्रवा ऋषि के घर में रावण जैसा राक्षस पैदा हो जाता है।”

यह बयान सीधे तौर पर स्त्री के आचरण को पूरे समाज और पीढ़ियों के निर्माण से जोड़ता है।

यही कारण भी है कि इसे लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध देखने को मिल रहा है।

अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद महाराज के बयान

साध्वी ऋतंभरा का यह बयान उस क्रम में है, जिसमें पहले ही दो धार्मिक कथावाचकों—अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद महाराज—ने महिलाओं को लेकर विवादित टिप्पणियां की थीं।

1. प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा था?

वृंदावन के प्रेमानंदजी महाराज ने लड़कियों के चरित्र और विवाह के बारे में कहा था—

“सौ में दो-चार कन्याएं ही पवित्र जीवन जीती हैं। जो चार पुरुषों से मिल चुकी हो, वह सच्ची बहू नहीं बन सकती। इसी तरह जो पुरुष चार महिलाओं से मिल चुका हो, वह सच्चा पति नहीं बन सकता।”

उन्होंने यह भी कहा था कि—

“जब किसी को चार होटलों का खाना खाने की आदत लग जाए, तो घर का खाना अच्छा नहीं लगता। वैसे ही जब किसी को चार लोगों से मिलने की आदत हो जाती है, तो वह किसी एक में संतुष्ट नहीं रह पाता।”

इस बयान पर भी खूब विवाद हुआ और सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे महिलाओं को नीचा दिखाने वाला बताया।

2. अनिरुद्धाचार्य ने क्या कहा था?

अनिरुद्धाचार्य ने एक धार्मिक प्रवचन में कहा—

“जब लड़कियों की शादी देर से होती है, तो उनके 4-5 बॉयफ्रेंड बन जाते हैं।”

इस बयान को लेकर जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से काट-छांट कर वायरल किया गया।

छिड़ी संस्कृति बनाम अभिव्यक्ति की लड़ाई

इन सभी बयानों के बाद सोशल मीडिया पर लोगों के बीच संस्कृति बनाम आधुनिकता की बहस छिड़ गई है।

साध्वी ऋतंभरा के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने भारतीय मूल्यों और मर्यादा की बात की है और आज की युवा पीढ़ी को अपनी सीमाओं में रहकर काम करना चाहिए।

वहीं, विरोध करने वालों का कहना है कि बार-बार सिर्फ महिलाओं के पहनावे, उनके डांस या सोशल मीडिया पर उनकी उपस्थिति को ही क्यों निशाना बनाया जाता है?

स्त्री की स्वतंत्रता को बार-बार धार्मिक मंचों से शर्म से जोड़ना बंद कीजिए। पुरुषों की जवाबदेही पर कोई क्यों नहीं बोलता?

सवाल एक पर फिर से उठा है कि क्यों सिर्फ स्त्रियों को ही मर्यादा की सीख दी जाती है?

 

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