Ahmedabad Plane Crash

Ahmedabad Plane Crash

अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा: ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को भेजे गए गलत शव, मामले में भारत सरकार ने दी सफाई

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Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के महज 32 सेकंड बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी।

इस दर्दनाक हादसे में कुल 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई समेत 242 यात्री शामिल थे।

अब इस हादसे के एक नए पहलू ने विवाद खड़ा कर दिया है।

ब्रिटेन में पीड़ित दो परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें गलत शव सौंपे गए हैं। शवों का DNA परिजनों से मेल नहीं खा रहा।

ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एक परिवार अंतिम संस्कार की तैयारियां कर चुका था।

लेकिन, जब DNA जांच में गड़बड़ी सामने आई, तो अंतिम संस्कार रोकना पड़ा।

विदेश मंत्रालय की सफाई: प्रोटोकॉल के तहत हुई पहचान

ब्रिटेन में अहमदाबाद प्लेन क्रैश के पीड़ित 2 परिवारों ने दावा किया है कि उन्हें गलत शव सौंपे गए हैं।

ब्रिटेन के न्यूज पेपर डेली मेल की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।

एयर इंडिया ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि, हम ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

दरअसल, 13 शवों को ब्रिटेन भेजा गया था। अफसरों ने शवों की पहचान प्रोटोकॉल और तकनीकी मानकों के अनुसार ही की थी।

रिपोर्ट: ताबूत में मिले एक से अधिक शवों के अवशेष

‘द वायर’ की रिपोर्ट्स के अनुसार, एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को गलत शव भेजे जाने की खबरों ने हड़कंप मच गयाष

ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ शवों की पहचान गलत हुई और कुछ ताबूतों में एक से अधिक व्यक्तियों के अवशेष मिले हैं।

पीड़ितों के वकील ने कहा कि कई परिवार सदमे में हैं और एक शव की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।

फिलहाल, इस मामले की जांच भारत और ब्रिटेन दोनों में चल रही है।

वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने की तैयारी में हैं।

एयर इंडिया पर पहले भी लगा था मुआवजा बचाने का आरोप

इससे पहले ब्रिटेन की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स ने आरोप लगाए थे कि एयर इंडिया मुआवजा देने से बचने के लिए पीड़ित परिवारों से संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांग रही है।

इस तरह से कंपनी लगभग 1,050 करोड़ रुपये बचाने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की है।

वहीं, उन्होंने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी है कि वे फॉर्म न भरें और मुआवजा पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएं।

हालांकि, एयर इंडिया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

बता दें हादसे के बाद टाटा ग्रुप ने पीड़ितों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी, जबकि एयर इंडिया ने 25 लाख रुपए की राहत देने का वादा किया था।

 

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