Opposition Protest in Parliament: संसद के मानसून सत्र के पांचवें दिन भी विपक्षी दलों ने बिहार में चल रहे विवादित स्पेशल इन्सेंटिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया।
सुबह विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा से लेकर नए संसद भवन के मकर द्वार तक पैदल मार्च किया। मार्च के दौरान नेताओं ने “लोकतंत्र बचाओ”, “SIR वापस लो” जैसे नारे लगाए।
मकर द्वार पर पहुंचने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने SIR लिखे पोस्टरों को फाड़ा और फिर डस्टबिन में डाल दिया।
इस प्रतीकात्मक कदम को विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के कथित हेरफेर के खिलाफ “लोकतांत्रिक चेतना की आवाज” बताया।
SIR (Special Intensive Revision) के नाम पर बिहार में हो रही वोट चोरी के खिलाफ INDIA गठबंधन के सांसदों ने अपना विरोध दर्ज किया।
बिहार में JDU-BJP की सरकार जनता से वोटिंग अधिकार छीनने पर तुली है, जिसमें चुनाव आयोग उनका पूरा साथ दे रहा है।
ये लोकतंत्र से खिलवाड़ है- हम ऐसा कभी… pic.twitter.com/E7Gvt77hEd
— Congress (@INCIndia) July 25, 2025
खड़गे बोले- ये लड़ाई जारी रहेगी
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, वे गरीबों और कमजोर तबकों को उनके मतदान अधिकार से वंचित करना चाहते हैं।
वे केवल एलीट क्लास को वोट देने देना चाहते हैं। ये संविधान का उल्लंघन है।
खड़गे ने साफ कहा कि SIR के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई संसद और सड़क दोनों पर जारी रहेगी।
वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि बिहार में SIR प्रक्रिया लोकतंत्र की हत्या है।
हम हर लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे, चाहे वह संसद हो या सड़क।
संसद में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिहार वोटर वेरिफिकेशन मुद्दे पर हंगामा किया, जिससे पांच मिनट के अंदर सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। पहले इसे दोपहर 12 बजे तक स्थगित किया गया, लेकिन दोबारा शुरू होते ही विपक्ष के शोर-शराबे के चलते कार्यवाही 28 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने और बढ़ा
इस बीच, राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया।
यह विस्तार 31 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। बता दें कि फरवरी 2025 में सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।
वहीं अभिनेता और मक्कल नीधि मैयम के प्रमुख कमल हासन ने राज्यसभा सदस्य के रूप में तमिल भाषा में शपथ ली। उन्होंने हाल ही में विपक्ष के समर्थन से उच्च सदन की सदस्यता पाई है।
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