LG-Governor Appointment: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लद्दाख, हरियाणा और गोवा के लिए नए नियुक्तियों की घोषणा की है।
लद्दाख के उपराज्यपाल (LG) के रूप में कविंदर गुप्ता, हरियाणा के राज्यपाल के रूप में प्रोफेसर अशीम कुमार घोष और गोवा के राज्यपाल के रूप में पुसपति अशोक गजपति राजू को नियुक्त किया गया है।
लद्दाख के नए LG कविंदर गुप्ता
कविंदर गुप्ता, जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और राज्य के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
वे महबूबा मुफ्ती सरकार में उपमुख्यमंत्री थे, जब लद्दाख जम्मू-कश्मीर का हिस्सा हुआ करता था।
उन्हें सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा की जगह लद्दाख का नया उपराज्यपाल बनाया गया है, जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा दिया था।
कविंदर गुप्ता ने जम्मू-कश्मीर में भाजपा संगठन और प्रशासन में लंबे समय तक काम किया है।
वे जम्मू नगर निगम के महापौर भी रह चुके हैं और उनकी छवि एक सुलझे हुए और अनुभवी राजनेता की रही है।
अशीम घोष हरियाणा के 19वें राज्यपाल
प्रोफेसर अशीम कुमार घोष को हरियाणा का 19वां राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
इससे पहले इस पद पर बंडारू दत्तात्रेय नियुक्त थे, जो 7 जुलाई 2021 से इस पद पर थे।
अशीम घोष पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के निवासी हैं और राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रह चुके हैं।
वे 1999 से 2002 तक पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व केंद्रीय मंत्री तपन सिखदर को जाता है।
उनका संघ और बीजेपी के साथ गहरा रिश्ता रहा है।
पश्चिम बंगाल में पार्टी को संगठित करने और विचारधारा को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
इस समय वे भाजपा के मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा थे।
गोवा में गजपति राजू की वापसी
पुसपति अशोक गजपति राजू को गोवा का 19वां राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
वे पीएस श्रीधरन पिल्लई की जगह लेंगे, जो 15 जुलाई 2021 से इस पद पर थे।
अशोक गजपति राजू का राजनीतिक करियर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है।
वे 1978 से 2014 तक लगातार 7 बार विधायक रह चुके हैं।
आंध्र प्रदेश में उन्होंने वित्त, योजना, राजस्व जैसे अहम मंत्रालय संभाले।
2014 में वे विजयनगरम से लोकसभा सांसद बने और मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे।
लेकिन जब आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, तब उन्होंने 2018 में टीडीपी के अन्य नेताओं के साथ मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
गजपति राजू का प्रशासनिक अनुभव और केंद्रीय स्तर की समझ उन्हें गोवा जैसे पर्यटन एवं रणनीतिक राज्य की जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाती है।
नए चेहरों से क्या उम्मीदें हैं?
इन नियुक्तियों में खास बात यह है कि तीनों नियुक्त राजनीतिक रूप से अनुभवी और भाजपा से जुड़े हुए हैं।
कविंदर गुप्ता और अशीम घोष का संघ और पार्टी संगठन में गहरा अनुभव रहा है, जबकि गजपति राजू का प्रशासनिक अनुभव लंबा और भरोसेमंद रहा है।
लद्दाख में कविंदर गुप्ता की नियुक्ति से केंद्र सरकार की रणनीति साफ दिखती है कि वह क्षेत्र में स्थायित्व और विकास को बढ़ावा देना चाहती है।
हरियाणा में अशीम घोष की नियुक्ति भाजपा की विचारधारा और संघ की उपस्थिति को और मजबूती देने के रूप में देखी जा सकती है।
गोवा में अशोक गजपति राजू जैसे अनुभवी नेता को लाना यह दर्शाता है कि केंद्र वहां भी स्थिर और प्रभावी प्रशासन चाहता है।
कुल मिलाकर इन तीन अहम नियुक्तियों से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार ने ऐसे नेताओं को चुना है जो संगठन, प्रशासन और राजनीतिक दृष्टि से मजबूत हैं।
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