Suhas Shetty Murder Case: कर्नाटक के मंगलुरु में बजरंग दल नेता और फाजिल हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुहास शेट्टी की हत्या के बाद राज्य में तनाव का माहौल है।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलुरु में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
8 आरोपी गिरफ्तार, मंगलुरु में 6 मई तक कर्फ्यू लागू
1 मई की रात सुहास शेट्टी की कार को दो अन्य कारों में सवार हमलावरों ने घेरा और फिर धारदार हथियारों से उस पर जानलेवा हमला किया।
गंभीर रूप से घायल शेट्टी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
यह घटना दक्षिण कन्नड़ जिले में घटित हुई, जो पहले से ही सांप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
सुहास शेट्टी मर्डर केस में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इन आरोपियों में अब्दुल सफवान, नियाज, मोहम्मद मुजम्मिल, खालंदर शफी, आदिल मेहरूफ, नागराज, रंजीत और रिजवान के नाम सामने आए हैं।
पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और घटना के पीछे की साजिश की गहराई से जांच की जा रही है।
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलुरु में 6 मई तक कर्फ्यू लागू कर दिया गया है ताकि सांप्रदायिक तनाव को रोका जा सके।
फाजिल हत्याकांड के मुख्य आरोपी था सुहास शेट्टी
सुहास शेट्टी बजरंग दल से जुड़े हुए थे और 2022 के फाजिल हत्याकांड में उनका नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल था।
वह दक्षिण कर्नाटक की हिंदुत्व राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा थे।
उनकी हत्या से न सिर्फ बजरंग दल बल्कि हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया है।
भाजपा ने इस हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से करवाने की मांग की है।
भाजपा विधायक भरत शेट्टी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असामाजिक और जिहादी ताकतों को संरक्षण दे रही है, जिससे ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।
‘एंटी-कम्यूनल टास्क फोर्स‘ गठित करने की घोषणा
सरकार की ओर से कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने घटना पर संज्ञान लेते हुए ‘एंटी-कम्यूनल टास्क फोर्स’ गठित करने की घोषणा की है।
यह टास्क फोर्स विशेष रूप से दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में काम करेगी, जो सांप्रदायिक तनाव से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
परमेश्वर ने कहा कि सांप्रदायिकता फैलाने वालों, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली या राजनीतिक व्यक्ति क्यों न हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें सुहास शेट्टी की हत्या से कुछ ही दिन पहले, 27 अप्रैल को मंगलुरु में एक अन्य विवादित मामले में भीड़ ने वायनाड निवासी अशरफ की कथित रूप से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में भी लगभग 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बहरहाल कर्नाटक में एक के बाद एक हो रही इन घटनाओं ने पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इन हालात से कैसे निपटती हैं?
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