Chief Ministers Criminal Cases: देश में राजनीति और अपराध के रिश्तों पर फिर सवाल उठे हैं।
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाले NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एक रिपोर्ट जारी की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 30 में से 12 यानी 40% मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
वहीं, 10 यानी 33% मुख्यमंत्रियों पर हत्या की कोशिश, किडनैपिंग और रिश्वतखोरी जैसे गंभीर आरोप हैं।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में एक कानून बनाने पर विचार कर रही है।
इसके तहत जेल में 30 दिन बिताने या हिरायत में रहने पर भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
फिलहाल, यह विधेयक लोकसभा में पेश किया गया है, इस पर कानून बनने में अभी समय लगेगा।
तेलंगाना CM पर सबसे ज्यादा केस
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मौजूदा 30 मुख्यमंत्रियों के हलफनामों का एनालिसिस करके यह रिपोर्टे तैयार की गई है।
ADR ने यह डेटा पिछला चुनाव लड़ने से पहले दायर हलफनामों से लिया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी पर सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं।
इन मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज
- रेवंत रेड्डी (तेलंगाना, कांग्रेस) – 89 क्रिमिनल केस
- एमके स्टालिन (तमिलनाडु, DMK) – 47 क्रिमिनल केस
- चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश, TDP) – 19 क्रिमिनल केस
- सिद्धारमैया (कर्नाटक, कांग्रेस) – 13 क्रिमिनल केस
- हेमंत सोरेन (झारखंड, JMM) – 5 क्रिमिनल केस
- देवेंद्र फडणवीस (महाराष्ट्र, भाजपा) – 4 क्रिमिनल केस
- सुखविंदर सिंह (हिमाचल, कांग्रेस) – 4 क्रिमिनल केस
- पिनराई विजयन (केरल, CPI (M)) – 2 क्रिमिनल केस
- भगवंत मान (पंजाब, AAP) – 1 क्रिमिनल केस
ADR की रिपोर्ट से यह साफ होता है कि देश के कई मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं और राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता की कमी बनी हुई है।
सरकार का प्रस्तावित कानून, जिसमें 30 दिन की जेल पर पद से अयोग्यता का प्रावधान है, यदि लागू हुआ तो राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।
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गैर-मान्यता प्राप्त दलों की आय में वृद्धि
ADR की एक अन्य रिपोर्ट (जुलाई 2025) के अनुसार, देश में नाममात्र वोट पाने वाली पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (RUPP) की आय 2022-23 में 223% बढ़ गई।
देश में कुल 2764 RUPP पार्टियां हैं। 73% (2025 पार्टियां) ने वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं किया।
739 पार्टियों ने रिकॉर्ड साझा किया, जिनमें गुजरात की 5 पार्टियों की आय 2316 करोड़ रुपये रही।
इन 5 दलों ने पिछले 5 साल में दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में सिर्फ 17 उम्मीदवार उतारे, जिन्हें मात्र 22 हजार वोट मिले।
चार पार्टियां 2018 के बाद रजिस्टर्ड हुईं। यह आंकड़े राजनीतिक चंदे और पार्टी फंडिंग में पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
सबसे अमीर और गरीब मुख्यमंत्री कौन?
ADR रिपोर्ट में मुख्यमंत्रियों की संपत्ति का भी खुलासा किया गया है।
सबसे अधिक संपत्ति वाले शीर्ष 6 CM:
- चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश) – 931.8 करोड़ रुपये
- पेमा खांडू (अरुणाचल प्रदेश) – 332.5 करोड़ रुपये
- सिद्धारमैया (कर्नाटक) – 51.93 करोड़ रुपये
- नेफ्यू रियो (नागालैंड) – 46.95 करोड़ रुपये
- मोहन यादव (मध्य प्रदेश) – 42.04 करोड़ रुपये
- एन. रंगास्वामी (पुदुचेरी) – 38.39 करोड़ रुपये
सबसे कम संपत्ति वाले 5 CM:
- ममता बनर्जी (प. बंगाल) – 15.3 लाख रुपये
- उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर) – 55.2 लाख रुपये
- पिनराई विजयन (केरल) – 1.18 करोड़ रुपये
- भजन लाल शर्मा (राजस्थान) – 1.46 करोड़ रुपये
- योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) – 1.54 करोड़ रुपये
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