भाजपा की रणनीति अलग
चंडीगढ़। नगर निगम चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले महीने चुनाव होने हैं। ऐसे में शहर में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
इस बार चुनाव के लिए कांग्रेस अपने किसी भी मौजूदा (सिटिंग) पार्षद के टिकट नहीं काटेगी, यानी जो कांग्रेस के पार्षद हैं उन्हें इस बार भी चुनाव मैदान में उतारा जाएगा।
वहीं, भाजपा ने इसके विपरीत रणनीति तैयार की है। भाजपा इस बार अपने 50 फीसद पार्षदों के टिकट काटने जा रही है। कांग्रेस के कुल पांच पार्षद हैं, जबकि भाजपा के इस समय 20 पार्षद हैं।
दोनों ही दल नए चेहरों को टिकट देकर मैदान में उतारने का दावा कर रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने अपने पांच उम्मीदवार घोषित करके अन्य दलों के मुकाबले में पहले बाजी मार ली है।
इस माह की 25 तारीख तक सभी दल उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे। इस माह के अंत तक नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आप के बाद अब कांग्रेस पहले फेज के तहत अपने 10 उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। यह ऐसी सीटें हैं जिनमे कोई भी विवाद नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला की इन सीटों के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल के साथ बात भी हो चुकी है। हालांकि कांग्रेस की ओर से जो आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी वह बुधवार को समाप्त हो जाएगी।
दस नवंबर तक कांग्रेस ने दावेदारों को आवेदन करने के लिए कहा गया था। कांग्रेस ने उन लोगों को भी आवेदन करने के लिए कहा था जो कि कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं।
इस बार भाजपा अपने 50 फीसद पार्षदों के टिकट भी काट सकती है। इसका कारण यह भी है कि कई सिटिंग पार्षदों के वार्ड ड्रॉ में बदल चुके हैं। जबकि पार्षद इस समय महिला वार्ड होने के कारण अपनी पत्नियों के लिए टिकट मांग रहे हैं।
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