नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बीते 14 अगस्त को दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल कर दिया है। इस बदलाव पर प्रतिक्रिया करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा यह मेमोरियल नेहरू जी की अकेली पहचान नहीं थी। नेहरू जी ने अपने सुदीर्घ राजनीतिक जीवन में जो काम किए हैं, उन्हें उन कामों की वजह से हमेशा याद रखा जाएगा। एक इमारत का नाम बदलने से उनकी स्मृतियों को मिटाया नहीं जा सकता। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने वालों को यह बात याद रखना चाहिए कि उनकी पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।
16 साल पं. नेहरू का आधिकारिक आवास रहा तीन मूर्ति भवन
ज्ञात हो कि एडविन लुटियंस की शाही राजधानी के हिस्से के रूप में 1929-30 में बना तीन मूर्ति भवन भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में जब भारत आजाद हो गया तो यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। 27 मई 1964 को नेहरू का निधन हो गया। पंडित नेहरू इस आवास में 16 साल तक रहे थे। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले नई दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (पीएमएमएल) कर दिया गया।
पिछले साल परिसर में बनाया गया था प्रधानमंत्री संग्रहालय
इससे पहले 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय बनाने का विचार किया था। कांग्रेस के विरोध के बावजूद, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया। 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। उस समय भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। इसका नाम बदलने का निर्णय इसी साल 15 जून को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था।
दो दिन की यात्रा पर लद्दाख पहुंचे राहुल
राहुल गांधी दो दिन के दौरे पर आज सुबह लद्दाख के लिए रवाना हुए। वह दोपहर बाद लद्दाख पहुंच गए। दो दिवसीय दौरे में राहुल गांधी पार्टी नेताओं के साथ बैठकें करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वह लद्दाख में बाइक ट्रिप भी करेंगे। उल्लेखनीय है कि लद्दाख और कारगिल के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार यहां पहुंचे हैं। कारगिल में अगले महीने हिल काउंसिल के चुनाव होने वाले हैं। राहुल गांधी का दौरा इस वजह से महत्वपूर्ण है। कारगिल हिल काउंसिल के चुनाव के लिए कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है।