YouTuber Jasbir Singh

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पाक के लिए जासूसी करने वाला यूट्यूबर जसबीर सिंह गिरफ्तार, ज्योति और दानिश से भी निकले कनेक्शन

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YouTuber Jasbir Singh: सोशल मीडिया पर ट्रैवल व्लॉगर की पहचान रखने वाला जसबीर सिंह अब देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है।

पंजाब पुलिस ने सोमवार को प्रसिद्ध यूट्यूबर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

बुधवार को जसबीर सिंह को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की रिमांड पर लिया गया है।

जसबीर का यूट्यूब चैनल ‘जान महल’ 1.1 मिलियन सब्सक्राइबर के साथ खासा लोकप्रिय है।

जांच में सामने आया कि वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान से लगातार जुड़ा रहा और गोपनीय जानकारियां साझा करता था।

एक नजर में यूट्यूबर जसबीर सिंह महल

  • निवास: महलां गांव, जिला रूपनगर (पंजाब)
  • पेशा: यूट्यूबर, ट्रैवल और फूड व्लॉगर
  • विदेश यात्राएं: पाकिस्तान, सिंगापुर, मालदीव, थाईलैंड

सोशल मीडिया पर एक मिलियन में फॉलोअर्स

  • यूट्यूब: 1.1 मिलियन सब्सक्राइबर
  • फेसबुक: 2.81 लाख फॉलोअर्स
  • इंस्टाग्राम: 41 हजार फॉलोअर्स

जसबीर सिंह महल 3 बार गया पाकिस्तान

पुलिस के मुताबिक, जसबीर पाकिस्तान में तीन बार यात्रा कर चुका है – साल 2020, 2021 और 2024 में।

इन यात्राओं के दौरान वह ISI एजेंट हसन अली उर्फ जट्ट रंधावा और पाकिस्तानी उच्चायोग से निष्कासित अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में आया।

यही नहीं, वह हाल ही में पाकिस्तान नेशनल डे पर दिल्ली स्थित पाक दूतावास द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुआ।

जहां उसकी मुलाकात पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से हुई थी।

यूट्यूबर की पहचान से जासूसी का खेल

जसबीर सिंह एक ट्रैवल व फूड व्लॉगर है और सोशल मीडिया पर उसकी फैन फॉलोइंग लाखों में है।

वह अपने चैनल पर पाकिस्तान के कई शहरों से वीडियो बनाकर अपलोड करता था।

इनमें लाहौर की गलियों, करतारपुर साहिब की यात्रा, पाकिस्तानी संस्कृति और लोगों की तारीफ करने वाले कंटेंट शामिल हैं।

एक वीडियो में वह यह भी कहता है कि पाकिस्तान में उसे VIP ट्रीटमेंट मिला और लोग उसे पहचानकर सम्मान दे रहे थे।

अब पुलिस यह जांच कर रही है कि ये यात्राएं और वीडियो केवल ब्लॉगिंग के लिए थे।

या फिर इसके पीछे पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और भारत की छवि को प्रभावित करने की साजिश थी।

डिलीट डेटा, पाकिस्तानी नंबर, ज्योति से लिंक

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी दी कि जसबीर के फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कई पाकिस्तानी नंबर्स, संदिग्ध चैट्स और कुछ डिलीट किए गए डेटा बरामद हुए हैं।

इन उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने क्या जानकारी साझा की और किन लोगों से संपर्क किया।

इस गिरफ्तारी के तार हरियाणा से गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से भी जुड़े पाए गए हैं।

जसबीर और ज्योति दोनों सोशल मीडिया नेटवर्किंग के जरिए पाक एजेंट्स के टारगेट पर थे।

एक महीने में आठवां जासूस गिरफ्तार

जसबीर सिंह इस महीने में पंजाब से गिरफ्तार होने वाला आठवां जासूसी आरोपी है।

पिछले एक महीने में खुफिया एजेंसियों और पंजाब पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों को पकड़ा है जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे या संदिग्ध संपर्क में थे।

  • 29 अप्रैल: बठिंडा के सुनील कुमार को एक पाकिस्तानी महिला से चैटिंग करते पकड़ा गया। वह मोची का काम करता था।
  • 4 मई: अमृतसर से पलक शेर मसीह और सूरज मसीह – दोनों भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहे थे।
  • 11 मई: मलेरकोटला से गजाला खातून और यामीन मोहम्मद को पकड़ा गया। गजाला पाकिस्तानी दूतावास से वीजा के बहाने संपर्क में आई थी।
  • 13 मई: बठिंडा में सेना के कैंट एरिया में दर्जी का काम करने वाले रकीब की गिरफ्तारी हुई।
  • 15 मई: गुरदासपुर से सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह – ये “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान को भेज रहे थे।
  • 3 जून: तरनतारन के गगनदीप सिंह उर्फ गग्गा को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी खुफिया जानकारी साझा करने के आरोप में पकड़ा गया।

राष्ट्रीय एजेंसियों के पास जा सकती है जांच

बहरहाल, जिस जसबीर सिंह को लाखों लोग यूट्यूब पर पाक प्रेम और ट्रैवल वीडियो के लिए फॉलो करते थे, वही अब देशद्रोह के आरोप में सलाखों के पीछे है।

यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।

जिसमें सोशल मीडिया, भ्रमण और पर्सनल फैनडम का इस्तेमाल खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए किया गया।

फिलहाल, जसबीर सिंह के खिलाफ मोहाली स्थित स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) में केस दर्ज किया गया है।

पुलिस अब उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों, बैंक लेनदेन, संदिग्ध मुलाकातों और फंडिंग की गहराई से जांच कर रही है।

माना जा रहा है कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण NIA को सौंपा जा सकता है

 

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