VD Sharma: कटनी जिले का एक छोटा सा गांव… घघरी कलां… गर्मी का मौसम और पानी की किल्लत से जूझती बस्ती।
लेकिन इस बार यहां कुछ अलग हुआ… न मंच था, न माइक… बस गांव की मिट्टी और एक नेता जो सीधे जमीन पर बैठ गया… लोगों के साथ, लोगों के बीच।
जब ग्रामीणों ने बताया कि महिलाएं दूर-दूर से पानी भरकर लाती हैं, तो बीजेपी सांसद ने सीधे कॉल लगाकर अधिकारियों को निर्देश दे दिया कि गर्मी में एक भी गांव प्यासा नहीं रहना चाहिए।
कटनी केआदिवासी गांव में वीडी शर्मा की चौपाल
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बस्ती/गांव चले अभियान चला रही है।
इसी के तहत गुरुवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा कटनी जिले के घघरी कलां गांव का दौरा करने पहुंचे थे।
यह गांव आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां पर चौपाल लगाकर वीडी शर्मा ने न केवल ग्रामीणों से संवाद किया, बल्कि उनकी समस्याएं भी विस्तार से सुनीं।
चौपाल का आयोजन किसी मंच या औपचारिक व्यवस्था के बिना, एक घरेलू और आत्मीय माहौल में किया गया, जहां भाजपासांसद स्वयं जमीन पर बैठकर ग्रामीणों के दुख-दर्द साझा करते नजर आए।
ग्रामीणों की प्यास बुझाने खुद पहुंचे BJP सांसद
चौपाल के दौरान सबसे गंभीर और प्राथमिक समस्या के रूप में पेयजल संकट सामने आया।
गांव की महिलाओं ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत गांव में टंकी और पाइपलाइन तो बनाई गई है, लेकिन टंकी तक पानी नहीं पहुंच रहा है।
इसके अलावा गांव में चार बोरवेल पहले ही फेल हो चुके हैं, जिससे पानी की आपूर्ति पूरी तरह से प्रभावित हो गई है।
महिलाओं ने बताया कि उन्हें गर्मियों में कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए खजुराहो सांसद ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग के कार्यपालन यंत्री डामोर को मौके से ही फोन लगाया।
वीडी शर्मा ने कहा कि डामोर जी, मैं घघरी कला पंचायत में बैठा हूं। यहां टंकी में पानी नहीं पहुंचा है। इसे कब तक कराओगे?
गर्मी आ रही है और लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। कम से कम बस्ती के लोगों को पानी तो मिलना ही चाहिए। जहां बात करनी हो, बताओ, मैं खुद बात करूंगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि गांव में नई बोरिंग की जाए और पानी की सप्लाई जल्द से जल्द बहाल हो।
इसके अलावा, हर घर में नल कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए ताकि ग्रामीणों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।
भाजपा की सरकार अनैतिक गतिविधियों को नहीं करेगी बर्दाश्त
चौपाल के दौरान कुछ ग्रामीणों ने गांव में चल रही अनैतिक गतिविधियों की भी शिकायत की। उन्होंने बताया कि कुछ बाहरी तत्व गांव में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
इस पर सांसद शर्मा ने तत्काल थाना प्रभारी को फोन कर कड़ी फटकार लगाई और सख्त लहजे में कहा, यह भाजपा की सरकार है। यहां किसी भी प्रकार की अवैध या अनैतिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई अधिकारी जनता के कार्यों में लापरवाही या कोताही बरतता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निरीक्षण टीम गांव में भेजकर वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करें और जो भी जरूरी हो, वह तुरंत किया जाए।
प्रधानमंत्री योजनाओं की दी जानकारी, लाभ दिलाने की पहल
सांसद शर्मा ने चौपाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की भी समीक्षा की।
उन्होंने ग्रामीणों से पूछा कि कितनों को आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ कार्ड मिला है?
कितनों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिला है?
इसके अलावा उज्ज्वला योजना और स्ट्रीट वेंडर योजना की भी जानकारी ग्रामीणों से ली।
जहां भी उन्हें लगा कि किसी पात्र व्यक्ति को योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्होंने मौके पर ही टीम को निर्देशित किया कि पात्रता के आधार पर आवेदन कराएं और लाभ सुनिश्चित करें।
उन्होंने ग्रामीणों से कहा, यह सरकार आपकी है। आपकी आवाज सीधे भोपाल और दिल्ली तक जाएगी। योजनाएं तभी सफल मानी जाएंगी जब आखिरी व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचे।
जब नेता बन जाए जनता सेवक और गांव में लगने लगे चौपाल
चौपाल के अंत में सांसद शर्मा ने कहा कि ऐसे जनसंवाद आगे भी जारी रहेंगे और वह स्वयं यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ मिले, और बुनियादी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द हो।
वीडी शर्मा का यह दौरा इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि उन्होंने न किसी मंच का सहारा लिया, न माइक का उपयोग किया।
उन्होंने जमीन पर बैठकर उन्होंने ग्रामीणों से खुलकर बात की, उनकी समस्याएं सुनीं और मौके से ही कार्रवाई शुरू कर दी।
कटनी में हुई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की ये चौपाल एक उदाहरण बन गई कि कैसे एक जनप्रतिनिधि अगर चाह ले तो न केवल समस्याएं सामने आती हैं, बल्कि उनका समाधान भी तुरंत संभव होता है।
पानी की समस्या हो या अनैतिक गतिविधियों पर अंकुश, वीडी शर्मा ने मौके पर निर्णय लेकर यह संदेश दे दिया कि सरकार सिर्फ बैठकों और फाइलों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांव की चौपाल से भी चल सकती है।
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