Uma Bharti: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती एक बार फिर से अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं।
उन्होंने एक इंटरव्यू में जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की, वहीं खुद के चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की।
उनके बयानों ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है और इस बात पर अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या उमा भारती आने वाले समय में फिर सक्रिय राजनीति में उतर सकती हैं।
“मैं अभी 65 की भी नहीं हुई”
अपनी राजनीतिक सक्रियता पर बात करते हुए उमा भारती ने कहा कि वे अभी 65 साल की भी नहीं हुई हैं।
जब उन्हें लगेगा कि उनके लक्ष्य पूरे करने के लिए चुनाव लड़ना ज़रूरी है, तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगी।
उन्होंने साफ कहा कि किसी संगठन, राजनीतिक दल या संस्था द्वारा सेवानिवृत्ति की आयु तय की जा सकती है, लेकिन योगदान की कोई उम्र नहीं होती।
उनका कहना था कि राजनीति एक ऐसा मंच है, जहां योगदान देने की क्षमता ही सबसे बड़ी पहचान होती है।
चुनाव लड़ने को लेकर शर्तें
हालांकि उमा भारती ने साफ किया कि इस समय उनके लिए चुनाव लड़ना एक बाधा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर वे सांसद बनती हैं तो जनता की सेवा करना और समस्याओं का समाधान करना उनकी बड़ी जिम्मेदारी होगी।
वहीं मंत्री बनने पर भी अलग तरह की ज़िम्मेदारी आती है।
उन्होंने कहा कि वे अपनी प्रतिबद्धता के प्रति बेहद ईमानदार हैं और यदि जनता उनकी वजह से परेशान होती है तो वे खुद को दोषी मानेंगी।
यही कारण है कि वे तभी चुनाव लड़ना चाहेंगी जब उन्हें लगेगा कि यह उनके उद्देश्यों की पूर्ति करेगा।
उमा भारती ने कहा कि वे आत्मनिर्भर हैं और सत्ता हासिल करने के लिए किसी वस्तु की ज़रूरत नहीं है।
उनके पास जनता की ताकत और साहस है, जो उनकी सबसे बड़ी पूंजी है।
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव लड़ने से उनका लक्ष्य पूरा होता है तो वे चुनाव लड़ेंगी और अगर नहीं, तो वे पीछे हटने में भी हिचकेंगी नहीं।
राहुल गांधी पर कसा तंज
उमा भारती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें पहले अपनी याददाश्त दुरुस्त करनी चाहिए और होम्योपैथिक दवाई लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से चुनाव नहीं जीते जाते, बल्कि जनता से जीते जाते हैं। जनता दिल में जिसे बिठा लेती है, वही जीतता है।
उन्होंने इमरजेंसी का उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी को यह भी याद रखना चाहिए कि उनकी दादी इंदिरा गांधी जैसी शक्तिशाली नेता भी चुनाव हार गई थीं, क्योंकि जनता ने उन्हें वोट नहीं दिया था।
जीतू पटवारी पर किया कटाक्ष
इंटरव्यू के दौरान उमा भारती ने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भी निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि पटवारी अक्सर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करते हैं।
हाल ही में जीतू पटवारी ने बयान दिया था कि मध्य प्रदेश में महिलाएं ज्यादा शराब पीती हैं।
इस पर उमा भारती ने कहा कि उन्हें आदिवासी समाज की संस्कृति की जानकारी ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में पुरुष और महिलाएं दोनों महुआ से बनी शराब का सेवन करते हैं, जो ऑर्गेनिक होती है।
वहां शराब पीने के बाद कोई हिंसा या अनैतिक काम नहीं होता।
भारती ने कहा कि यह बयान पटवारी की अज्ञानता और गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है।
उमा भारती की राजनीति में वापसी
फिलहाल, उमा भारती ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे राजनीति से संन्यास लेने के मूड में नहीं हैं।
उनके इन बयानों को मध्य प्रदेश की राजनीति में उनके संभावित कमबैक के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
वे भाजपा की वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और पार्टी के लिए हमेशा बड़े चेहरों में गिनी जाती रही हैं।
उनके अनुभव और जनता के बीच उनकी पकड़ को देखते हुए यह माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें किसी न किसी रूप में चुनावी मैदान में उतार सकती है।
वहीं, उनका राहुल गांधी और जीतू पटवारी पर सीधा हमला यह दिखाता है कि वे विपक्ष को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उनकी उम्र और अनुभव को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले चुनावों में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।
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