Odisha Dalit Controversy

Odisha Dalit Controversy

गो-तस्करी के शक में दलित युवकों की पिटाई: आधा सिर मुंडवाया, नाली का पानी पिलाया, घास भी खिलाई

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Odisha Dalit Controversy: ओडिशा के गंजाम जिले के खारिगुमा गांव में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है।

गो-तस्करी के शक में दो दलित युवकों के साथ न सिर्फ बर्बरता की गई, बल्कि उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित भी किया गया।

22 जून को हुई इस घटना में पीड़ितों का आधा सिर जबरन मुंडवा दिया गया।

उन्हें दो किलोमीटर तक घुटनों के बल चलने पर मजबूर किया गया।

इतना ही नहीं घास खाने और नाली का पानी पीने के लिए भी विवश किया गया।

दहेज के लिए गाय खरीदने निकले थे युवक

बबुला नायक और बुलु नायक, जो सिंगीपुर गांव के रहने वाले हैं।

हरिपुर गांव से तीन गाय लेकर अपनी बेटी के दहेज के लिए लौट रहे थे।

जब वे खारिगुमा गांव से गुजर रहे थे, तो कुछ लोगों ने उन्हें रोका और गो-तस्करी का आरोप लगाया।

आरोपियों ने उनसे 30 रुपये की मांग की।

इसके बाद पैसे न देने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की गई।

फिर उन्हें सैलून ले जाकर आधा सिर मुंडवाया गया।

इसके बाद भी बर्बरता रुकी नहीं।

दोनों को खारिगुमा से जहरा गांव तक लगभग दो किलोमीटर तक घुटनों के बल चलाया गया।

उन्हें रास्ते में घास खिलाई गई और नाली (सीवेज) का पानी पीने को मजबूर किया गया।

इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया गया।

राहुल गांधी ने की घटना की निंदा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना की निंदा करते हुए इसे संविधान पर हमला” बताया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

 

“भाजपा शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं, क्योंकि उनकी राजनीति नफरत और भेदभाव पर आधारित है। विशेषकर ओडिशा में SC, ST और महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। दलित युवकों को घुटनों के बल चलने, घास खाने और गंदा पानी पीने के लिए मजबूर करना न केवल अमानवीय है, बल्कि मनुवादी सोच की बर्बरता है। ये घटना उन लोगों के लिए आईना है जो कहते हैं कि जाति अब मुद्दा नहीं रही। दलितों की गरिमा को कुचलने वाली हर घटना बाबा साहब के संविधान पर हमला है। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए। देश संविधान से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं।”

 

पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया

23 जून को घटना की जानकारी मिलते ही धारकोट पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

गंजाम के एसपी सुवेंदु कुमार पात्र के अनुसार अब तक 9 लोगों को हिरासत में लिया गया है और बाकी की तलाश की जा रही है।

शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि हमलावरों का मकसद ‘गो-संरक्षण’ नहीं बल्कि जबरन वसूली था।

थाना प्रभारी चंद्रिका स्वांई ने बताया कि पीड़ितों का इलाज धारकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया है।

7-8 लोग मुख्य रूप से इस हमले में शामिल थे, जिन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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