Terrorists Hiding in Kashmir

Terrorists Hiding in Kashmir

पहलगाम हमले के आतंकी कश्मीर में ही छिपे! लश्कर-ए-तैयबा, ISI और पाक सेना की साजिश उजागर

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Terrorists Hiding in Kashmir: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, ISI, और पाकिस्तानी सेना ने मिलकर रची थी। हमले में 26 टूरिस्टों की मौत हुई थी, जबकि 17 लोग घायल हुए थे।

इस निर्मम हमले की जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि आतंकी हमले से 20 दिन पहले ही पहलगाम में घुस चुके थे और उन्होंने हथियारों का जखीरा बेताब घाटी में छिपाकर रखा था।

हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई

NIA की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हमले की योजना लश्कर के पाकिस्तान स्थित मुख्यालय में ISI के इशारे पर बनाई गई थी। इसमें पाकिस्तानी सेना की भी भागीदारी थी। आ

तंकवादी हमले के दौरान और उससे पहले पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठे हैंडलर्स से संपर्क में थे और उन्हें वहीं से फंडिंग और दिशा-निर्देश मिल रहे थे।

इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड माना जा रहा है हाशिम मूसा, जो पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो रह चुका है और बाद में आतंकी बन गया।

मूसा ने ही बायसरन घाटी को टारगेट चुना, क्योंकि यहां पर गर्मी के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।

20 दिनों से घाटी में मौजूद थे आतंकी

जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने हमले से पहले करीब 20 दिन तक पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में रेकी की

शुरुआत में उन्होंने होटलों को निशाना बनाने की योजना बनाई, लेकिन जब वहां बात नहीं बनी, तो उन्होंने 15 अप्रैल से घाटियों और पार्कों की रेकी शुरू की

उनका मुख्य उद्देश्य था कि ऐसी जगह को निशाना बनाना जहां अधिकतम संख्या में टूरिस्ट मौजूद हों।

हथियारों को बेताब घाटी में छिपाया गया था, जो पहलगाम पुलिस स्टेशन से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है।

यह इलाका पहाड़ों और गांवों से होकर जाता है और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

सुरक्षा बलों के अनुसार, रास्ता अपेक्षाकृत सरल है, जिससे आतंकी छिपने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते थे।

हमलावर कश्मीर में राशन-पानी लेकर छिपे

इंटेलिजेंस एजेंसियों ने खुलासा किया है कि हमले के बाद आतंकी अब भी दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिपे हुए हैं

उनके पास पर्याप्त मात्रा में राशन-पानी है, जिससे वे लंबे समय तक इन पहाड़ी इलाकों में टिक सकते हैं। सुरक्षा बलों ने जंगलों में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

OGW की भूमिका और हमलावरों की पहचान

इस हमले में स्थानीय Over Ground Workers (OGW) की भूमिका भी सामने आई है। ये ऐसे लोग होते हैं जो आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सहायता, जानकारी और छिपने की जगह उपलब्ध कराते हैं

एनआईए ने अब तक 150 से अधिक लोगों से पूछताछ की है और संदिग्ध OGW की सूची तैयार की गई है। इन पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं NIA ने इस हमले में शामिल आतंकियों की पहचान कर ली है।

मुख्य हमलावर थे हाशिम मूसा और अली उर्फ तल्हा भाई, दोनों पाकिस्तान के नागरिक हैं और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए हैं।

इन दोनों को कश्मीर निवासी आदिल ठोकर का स्थानीय सहयोग मिला था, जिसने उन्हें रसद, संपर्क और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया।

हमले के बाद भारत पर 10 लाख साइबर अटैक

22 अप्रैल को हुए इस हमले के बाद भारत पर 10 लाख से अधिक साइबर अटैक हुए हैं।

महाराष्ट्र पुलिस की साइबर क्राइम विंग के अनुसार, अधिकांश हैकिंग ग्रुप्स ने खुद को इस्लामिक ग्रुप बताया और टारगेट भारतीय वेबसाइट्स और पोर्टल्स रहे।

महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट के DGP यशस्वी यादव ने इसे हमले के बाद डिजिटल मोर्चे पर छेड़ी गई जंग बताया।

सीजफायर वॉयलेशन और सीमा पर तनाव

हमले के बाद से पाकिस्तानी सेना ने लगातार 8वें दिन LoC पर सीजफायर का उल्लंघन किया है।

बारामूला, पुंछ, रौशेरा और अखनूर जैसे सीमावर्ती इलाकों में छोटे हथियारों से फायरिंग की गई। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है।

स्थानीय प्रशासन ने कम्युनिटी बंकरों को फिर से सक्रिय करना शुरू कर दिया है

भारत को अमेरिका का समर्थन, संयुक्त राष्ट्र में उठेगा मुद्दा

अमेरिका ने इस हमले को लेकर भारत को खुला समर्थन दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव की स्थिति नहीं बनेगी, लेकिन अगर पाकिस्तान की संलिप्तता साबित होती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी

वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि इवानगेलोस सेकेरीस ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए जल्द ही UNSC में इस मुद्दे पर बैठक हो सकती है, ताकि संघर्ष की संभावना को कम किया जा सके।

 

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